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Tuesday, July 1, 2025
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ट्रंप की देखादेखी यूरोप ने भी भारत के सामने उछाल दिए पासे, इस मसले पर बढ़ाई टेंशन, आगे क्‍या होगा?

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नई दिल्ली

यूरोपीय यूनियन (ईयू) भी अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की राह पर चलता दिख रहा है। यूरोपीय संघ ने स्टील के आयात पर कुछ नए नियम बनाए हैं। इन्‍हें ‘सुरक्षा उपाय’ कहा जा रहा है। इन उपायों का उद्देश्य यूरोपीय संघ के स्टील उद्योग को सस्ते आयात से बचाना है। भारत को डर है कि इन नए नियमों से उसका स्टील निर्यात यूरोपीय संघ को कम हो जाएगा। इससे भारत के स्टील उद्योग और व्यापार पर बुरा असर पड़ सकता है। यही देखते हुए भारत ने ईयू के कुछ स्टील उत्पादों के आयात पर सुरक्षा उपायों में प्रस्तावित बदलावों पर विश्व व्यापार संगठन (डब्‍यूटीओ) में बातचीत करने की मांग की है। ईयू ने पिछले हफ्ते कुछ स्टील आयातों पर अपने सुरक्षा उपायों में बदलाव की घोषणा की थी। ये बदलाव दो चरणों में लागू होंगे।

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी का पूरी दुनिया पर असर पड़ा है। इसका इस्‍तेमाल व्‍यापार में एक हथियार की तरह किया जा रहा है। मित्र देश भी एक-दूसरे को बेहतर डील के लिए मजबूर करने में लगे हैं। ईयू का ताजा कदम भी कुछ उसी तर्ज पर दिखाई दे रहा है।

ईयू को स्टील उत्पादों का मुख्य निर्यातक देश है भारत
भारत, चीन, तुर्किये, कोरिया, मिस्र और वियतनाम ईयू को स्टील उत्पादों के मुख्य निर्यातक देश हैं। इकनॉमिक टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने डब्‍ल्‍यूटी को बताया कि उसकी इसमें काफी दिलचस्पी है। वह ईयू के साथ प्रस्तावित उपायों पर जानकारी की समीक्षा और विचारों का आदान-प्रदान करना चाहता है।

स्टील उत्पादों के आयात पर सुरक्षा उपायों में बदलाव के ईयू के प्रस्ताव को लेकर भारत टेंशन में है। भारत ने डब्‍यूटीओ में ईयू के साथ बातचीत करने की मांग की है। भारत को डर है कि ईयू के इस कदम से उसके घरेलू स्टील उद्योग को नुकसान हो सकता है। ईयू ने पिछले हफ्ते स्टील आयात पर सुरक्षा उपायों में बदलाव की घोषणा की थी। ये बदलाव दो चरणों में लागू किए जाएंगे।

ट्रंप ने लगाया है स्‍टील आयात पर 25% टैरिफ
हाल में ट्रंप का स्टील और एल्युमीनियम आयात पर टैरिफ लगाने का फैसला लागू हुआ है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने एल्युमीनियम आयात पर टैरिफ बढ़ाकर 25% कर दिया है। पहले यह 10% था। इससे भारतीय स्‍टील निर्माताओं और निर्यातकों को पहले ही झटका लगा है। अब ईयू के इस कदम से भारतीय निर्यातकों को और नुकसान होने की आशंका है।

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने ईयू को 6.64 अरब डॉलर के लोहे और स्टील उत्पादों का निर्यात किया। यह वित्त वर्ष 2022-23 में 6.1 अरब डॉलर था। अधिकारियों ने बताया कि जब कोई देश सुरक्षा कार्रवाई करता है तो अन्य देश सुरक्षा समझौते के तहत बातचीत कर सकते हैं। वे डब्‍यूटीओ में टैरिफ रियायत के स्तर को बनाए रखने के लिए व्यापार मुआवजे पर सहमत हो सकते हैं या जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित रख सकते हैं।

यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण है क्योंकि ईयू ने कुछ स्टील उत्पाद श्रेणियों के आयात पर 25% के आउट-ऑफ-कोटा शुल्क के साथ सुरक्षा शुल्क को 2026 तक बढ़ा दिया है। ईयू ने मौजूदा सुरक्षा उपाय 2018 में लगाए थे। अब ईयू ने रेसिडुअल कोटा, प्रतिबंध मात्रा के पुनर्वितरण और कोटा कैप की शुरुआत से संबंधित दो सेट बदलाव प्रस्तावित किए हैं। भारत ईयू के प्रस्तावित बदलावों से खुश नहीं है। वह इस बारे में बात करना चाहता है।

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