नई दिल्ली:
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ अहम बैठक की है। सूत्रों ने बताया कि ये बैठक मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा के अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण की खबरों की पृष्ठभूमि में हुई है। सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री ने विदेश मंत्री और एनएसए के साथ आगे की रणनीति पर चर्चा की। बैठक में खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका और विदेश सचिव विक्रम मिस्री भी मौजूद थे। हालांकि, उन्होंने बैठक में चर्चा किए गए मुद्दों के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी।
तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण से पहले हलचल तेज
सूत्रों ने कहा कि यह बैठक अमेरिका की ओर से तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने की खबरों के बीच हुई। ऐसे में ये माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई। केंद्र सरकार की एक बहु-एजेंसी टीम पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा को भारत लाने के लिए पहले से ही अमेरिका में है। राणा को भारत प्रत्यर्पित कराकर लाया जाना है ताकि उसपर 26/11 मुंबई हमलों के मामले में यहां मुकदमा चलाया जा सके।
26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में है राणा
सूत्रों ने बताया कि राणा को दिल्ली लाए जाने की उम्मीद है, जहां वह शुरू में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की हिरासत में रहेगा, जो कानूनी औपचारिकताएं पूरी करेगा। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उसे नियमित उड़ान से लाया जाएगा या विशेष विमान से। उसे लॉस एंजिलिस के महानगर निरुद्ध केंद्र में रखा गया था। उसे पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा माना जाता है, जो 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है।
FBI ने ऐसे की थी तहव्वुर राणा की गिरफ्तारी
अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो यानी एफबीआई ने राणा को हमलों के एक वर्ष बाद अक्टूबर 2009 में अरेस्ट किया था। उसे शिकागो से कोपेनहेगन (डेनमार्क) के एक समाचार पत्र पर हमला करने की असफल योजना में सहायता प्रदान करने और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) को साजो सामान की सहायता करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। राणा को 2011 में इस मामले में दोषी ठहराया गया और 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई। हालांकि, उसे मुंबई आतंकी हमलों की साजिश रचने के आरोपों से बरी कर दिया गया।