भारत के दोस्त के घर से पाकिस्तान ने दी पूरी ताकत से परमाणु हमला करने की धमकी, सिंधु जल संधि सस्पेंड करने पर नई गीदड़भभकी

मॉस्को/इस्लामाबाद

पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान एक के बाद एक भारत के खिलाफ परमाणु हथियार के इस्तेमाल की धमकी दे रहा है। पाकिस्तान इसलिए बौखलाया हुआ है क्योंकि उसे पता है कि अगर भारत हमला करता है, तो उसका टिक पाना नामुमकिन है। इस बार पाकिस्तान ने भारत के दोस्त के घर से दिल्ली को धमकी देने की कोशिश की है। रूस में पाकिस्तान के राजदूत ने चेतावनी दी है कि “अगर भारत ने उस पर हमला किया या अगर नई दिल्ली ने पाकिस्तान की जल आपूर्ति बाधित की तो इस्लामाबाद अपने पूरे सैन्य शस्त्रागार का इस्तेमाल कर सकता है, जिसमें परमाणु हथियार भी शामिल हैं।”

शनिवार को रूसी ब्रॉडकास्टर आरटी को दिए गये एक इंटरव्यू में बोलते हुए मास्को में पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिक मुहम्मद खालिद जमाली ने कहा, कि इस्लामाबाद के पास विश्वसनीय खुफिया जानकारी है जो बताती है कि भारत पाकिस्तानी क्षेत्र पर सैन्य हमले की योजना बना रहा है। मॉस्को में पाकिस्तान के राजदूत ने गीदड़भभकी देते हुए कहा कि “कुछ दस्तावेज लीक हुए हैं जिनके मुताबिक पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों पर हमला करने का फैसला लिया गया है।” उन्होंने आगे कहा कि “इसलिए हमें लगता है कि ऐसा होने वाला है और यह निश्चित है।”

पाकिस्तान की परमाणु बम गिराने की धमकी
पाकिस्तान की तरफ से अभी तक परमाणु धमकी देने वाले लोगों में नेता और रिटायर्ड अधिकारी शामिल रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों में ये पहली बार है जब किसी शीर्ष डिप्लोमेट की तरफ से परमाणु हमले की धमकी दी गई है। उन्होंने कहा, “हम पाकिस्तान में पारंपरिक और परमाणु, दोनों तरह की पूरी शक्ति का इस्तेमाल करेंगे।” जमाली की यह धमकी 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद आई है, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इस घटना ने दोनों परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच तनाव बढ़ा दिया है। भारत ने पाकिस्तान पर आतंकी घटना में शामिल होने का आरोप लगाया है, लेकिन हमेशा की तरह पाकिस्तान ने इससे इनकार कर दिया है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि (IWT) को सस्पेंड कर दिया, जिससे आने वाले कुछ सालों में पाकिस्तान में जल संकट होने की आशंका बन गई है। 1960 में किया गया सिंधु जल संधि एक ऐसा समझौता है, जिसे विश्व बैंक ने मध्यस्थता करके दोनों देशों के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी के वितरण को नियंत्रित किया था। यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच कई युद्धों के बावजूद कायम रही और इसे लंबे समय तक तनावपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों में एक दुर्लभ स्थिर व्यवस्था के रूप में देखा जाता रहा। जमाली ने भारत के फैसले को ‘एक्ट ऑफ वॉर’ कहा है। उन्होंने कहा, “निचले तटवर्ती क्षेत्र के पानी को हड़पने, उसे रोकने या उसकी दिशा बदलने का कोई भी प्रयास पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई होगी और इसका जवाब पूरी ताकत से दिया जाएगा, जिसमें पूरी ताकत भी शामिल होगी।”

इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी शुक्रवार को जियो न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि इस्लामाबाद सिंधु नदी पर भारत द्वारा संधि का उल्लंघन करते हुए बनाए जाने वाले किसी भी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाएगा। आसिफ ने कहा था कि “निश्चित रूप से, यदि वे किसी भी तरह की संरचना बनाने की कोशिश करते हैं तो हम उस पर हमला करेंगे।” उन्होंने कहा था कि “आक्रामकता सिर्फ तोपों या गोलियों को चलाने के बारे में नहीं है, बल्कि इसके कई चेहरे हैं। उनमें से एक चेहरा (पानी को रोकना या मोड़ना) है, जिससे भूख और प्यास के कारण मौतें हो सकती हैं।”

‘तनाव को कम करना बेहद जरूरी’
जमाली ने ये भी कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं, इसलिए तनाव को कम करना बेहद जरूरी है. उन्होंने कश्मीर हमले की तटस्थ और विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय जांच की फिर से मांग की और इसमें चीन और रूस की भागीदारी की उम्मीद जताई.

भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ उठाए कड़े कदम
जमील का ये बयान ऐसे समय पर आया है, जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक और सैन्य तनाव बढ़ गया है. वहीं, भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं. वहीं पीएम मोदी ने तीनों सेनाओं को आतंकवाद के खिलाफ एक्शन लेने की खुली छूट दे दी है. इतना ही नहीं, पीएम मोदी ने आतंकियों के मददगारों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि हम आतंकवादियों और उनके मददगारों के खिलाफ कठोर और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

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