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तुर्की के पास ड्रोन लेने पहुंचा पाकिस्तान? भारतीय सेना ने सैकड़ों कर दिए तबाह, खलीफा एर्दोगन कर रहे भारत के खिलाफ मदद

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इस्लामाबाद

भारत पिछली दो रातों से पश्चिमी सीमा पर सैन्य और नागरिक ढांचे पर किए जा रहे पाकिस्तानी ड्रोन हमले को नाकाम कर रहा है। भारत ने सैकड़ों की संख्या में पाकिस्तान से दागे गए ड्रोन को मार गिराया है। भारत के खिलाफ हमले में इस्तेमाल किए गए ये ड्रोन पाकिस्तान को उसके दोस्त तुर्की ने दिए थे। गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि प्रारंभिक रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि ड्रोन तुर्की निर्मित असीमगार्ड सोंगर मॉडल है। इस बीच जानकारी मिली है कि भारत के हाथों पिटने के बाद पाकिस्तान और ड्रोन के लिए तुर्की के पास पहुंचा है।

Trulli

फ्लाइट के डेटा से पता चलता है कि पाकिस्तानी एयरफोर्स के भारी लिफ्टर जहाज ने शुक्रवार को इस्तांबुल के पास टेकिरदाग हवाई अड्डे पर लैंडिंग की थी। कई घंटे तक वहां रहने के बाद यह जहाज वापस पाकिस्तान चला गया था। पाकिस्तानी एयरफोर्स के जहाज के यहां पहुंचना इसलिए भी खास है, क्योंकि इस एयरपोर्ट के पास तुर्की के बायकर ड्रोन का निर्माण केंद्र है। माना जा रहा है कि पाकिस्तानी जहाज ड्रोन की नई खेप लेने पहुंचा था।

तुर्की और पाकिस्तान की दोस्ती
पहलगाम हमले के बाद से भी तुर्की ने ऐसे कई काम किए हैं, जिससे उसके ऊपर शक बढ़ता है। भारत-पाकिस्तान में तनाव के बीच 2 मई को कराची बंदरगाह पर तुर्की का एडा क्लास एंटी सबमरीन जहाज ने डॉक किया था। इसके कुछ दिन पहले 27 अप्रैल को कराची हवाई अड्डे पर तुर्की के सी-130 हरक्यूलिस सैन्य परिवहन विमान ने लैंडिंग की थी। रिपोर्ट बताती हैं कि तुर्की ने हथियारों की खेप पहंचाई थी। हालांकि, तुर्की ने ठहराव को नियमित बताया और हथियार ले जाने की खबरों का खंडन किया।

तुर्की और पाकिस्तान की दोस्ती कोई छिपी नहीं है। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन कश्मीर पर भी जहर उगलते रहे हैं। पहलगाम हमले के बाद तुर्की अकेला पश्चिमी देश है, जो पाकिस्तान के साथ खड़ा हुआ है। यहां तक खाड़ी के प्रमुख मुस्लिम देशों ने भी पाकिस्तान को समर्थन देने से परहेज किया है।

एर्दोगन का पाकिस्तान प्रेम
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन देश में एक बार फिर खलीफा राज के वैभव को पाने का सपना देखते हैं। इसके लिए कट्टरपंथी पाकिस्तान सबसे अच्छा सहयोगी है। तुर्की जहां कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाता है, तो इस्लामाबाद ने साइप्रस में ग्रीस के खिलाफ तुर्की के दावों का समर्थन किया है। 2003 में तुर्की का प्रधानमंत्री बनने के बाद एर्दोगन कम से कम 10 बार पाकिस्तान का दौरा कर चुके हैं। वर्तमान में तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन का हालिया पाकिस्तान दौरा इसी साल फरवरी में हुआ था।

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