24.6 C
London
Tuesday, July 1, 2025
Homeअंतराष्ट्रीयतालिबान से मिलकर अफगानिस्तान का पानी रोकने का है प्लान… पाकिस्तानी एक्सपर्ट...

तालिबान से मिलकर अफगानिस्तान का पानी रोकने का है प्लान… पाकिस्तानी एक्सपर्ट का दावा, भारत नहीं बुरी तरह से फंस गया है पाकिस्तान

Published on

इस्लामाबाद:

पहलगाम आतंकी हमले के बाद कई रिपोर्ट्स में कहा गया कि पाकिस्तान आर्मी चीफ असीम मुनीर के जाल में भारत फंस गया है। लेकिन पाकिस्तान की एक एक्सपर्ट ने दावा किया है कि भारत नहीं, बल्कि पाकिस्तान जाल में फंस गया है। जियो न्यूज पर बात करते हुए पाकिस्तान की एक्सपर्ट ने दावा किया है कि भारत का मकसद जंग कभी था ही नहीं, बल्कि उसका मकसद पाकिस्तान का पानी रोकना है। पाकिस्तान की जियो-पॉलिटिकल मामलों की एक्सपर्ट डॉ. हुमा बकाई ने सीनियर जर्नलिस्ट हामिद मीर से बात करते हुए दावा किया कि “अब भारत, अफगानिस्तान से बहकर पाकिस्तान आने वाली नदियों का पानी रोकने वाला है।”

डॉ. हुमा बकाई ने दावा करते हुए कहा कि “भारत के हालिया साहसिक कदम का असली मकसद पाकिस्तान का पानी रोकना है। भारत न सिर्फ चिनाब, झेलम और सिंधु नदियों को रोकना चाहता है, बल्कि अफगानिस्तान से होकर गुजरने वाली काबुल नदी को भी 12 स्थानों पर ब्लॉक करना चाहता है। अगर पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में जाना चाहता है, तो उसे पानी का मुद्दा उठाना चाहिए।” डॉ. हुमा बकाई के इस दावे ने पाकिस्तान में हड़कंप मचा दिया है। पाकिस्तान अब एक ऐसे संकट की तरफ बढ़ रहा है, जो उसकी आर्थिक रीढ़ पर सीधे वार करता है।

क्या अफगानिस्तान में नदियों को ब्लॉक करेगा भारत?
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के डिप्लोमेट्स ने तालिबान सरकार के उच्च-अधिकारियों से मुलाकात की थी। वहीं बात अगर अफगानिस्तान की नदियों की करें, तो काबुल नदी की उत्पत्ति अफगानिस्तान में होती है और यह पाकिस्तान में प्रवेश कर खैबर पख्तूनख्वा के कई क्षेत्रों के लिए जीवनरेखा बन जाती है। इस नदी का पानी पेशावर, नौशेरा, अटक और सिंधु नदी के संगम तक कृषि और जलापूर्ति का मुख्य स्रोत है। हालांकि काबुल नदी भारत-पाकिस्तान के सिंधु जल समझौते (1960) का हिस्सा नहीं है, लेकिन इसकी रणनीतिक अहमियत पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ी है। क्योंकि पाकिस्तान ने भी अफगानिस्तान के साथ नदियों को लेकर कोई समझौता नहीं किया हुआ है, लिहाजा ये भारत के लिए बहुत बड़ा मौका बनाता है। भारत ने काबुल नदी पर कई बांध बनाए हैं, जिसका फायदा अब मिल सकता है। हालांकि भारत सरकार की तरफ से ऐसे दावों को लेकर कुछ नहीं कहा गया है।

भारत अफगानिस्तान के साथ मिलकर काबुल नदी पर 12 जगहों पर बांध और जल प्रबंधन योजनाओं पर काम कर रहा है। इस प्रोजेक्ट के जरिए भारत, अफगानिस्तान को ऊर्जा और सिंचाई में मदद करता है। लिहाजा अगर इन बांधों के पानी को रोक दिया जाए तो पाकिस्तान की अफगानिस्तान की नदियों से होने वाली पानी की सप्लाई बंद हो सकती है। जिससे भारत, बिना एक गोली चलाए पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर सकता है। काबुल नदी के जल प्रवाह पर नियंत्रण का मतलब है, पाकिस्तान की पख्तून बेल्ट में अस्थिरता फैलना, जहां पहले ही सेना के खिलाफ भयंकर गुस्सा है। पाकिस्तान के लिए दूसरी दिक्कत ये है कि उसके पास पानी के भंडारण का कोई संसाधन नहीं है और भारत, शहतूत डैम, सलमा डैम जैसी परियोजनाएं अफगानिस्तान में पहले ही बना चुका है। लिहाजा काबुल नदी के पानी को कंट्रोल करने का मतल है पाकिस्तान को प्यासा मारने के लिए एक और हथियार चलाना।

Latest articles

लापरवाह अधिकारियों पर होगी सख्त कार्यवाई: राज्यमंत्री श्रीमती गौर

भेल भोपाललापरवाह अधिकारियों पर होगी सख्त कार्यवाई: राज्यमंत्री श्रीमती गौर,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण...

MP Guest Teachers Bharti:मध्य प्रदेश में गेस्ट टीचर्स की बंपर भर्ती 70 हज़ार पदों पर ऑनलाइन आवेदन 30 जून से शुरू

MP Guest Teachers Bharti: मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया...

More like this

Adani Green Energy Plant: 15000 मेगावाट ऑपरेशनल क्षमता पार करने वाली भारत की पहली कंपनी बनी

Adani Green Energy Plant: भारत की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी अदानी ग्रीन एनर्जी...

Trump Terminates Trade With Canada: सभी व्यापारिक संबंध तुरंत ख़त्म डिजिटल सर्विस टैक्स बना वजह

Trump Terminates Trade With Canada: सभी व्यापारिक संबंध तुरंत ख़त्म डिजिटल सर्विस टैक्स बना...

इज़राइल-ईरान युद्ध ख़त्म ट्रंप की चेतावनी परमाणु हथियार बनाए तो अंजाम होगा बुरा

इज़राइल-ईरान युद्ध ख़त्म ट्रंप की चेतावनी परमाणु हथियार बनाए तो अंजाम होगा बुरा,पिछले 12...