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भारत ने घर में घुसकर पीटा और पाकिस्तान पढ़ रहा था अपनी सेना की तारीफ में कसीदे, झूठ पकड़ा गया तो मुंह छिपाना पड़ा

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नई दिल्ली

भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान सरकार और उसके समर्थकों ने एक सूचना युद्ध शुरू कर दिया। दिल्ली के अधिकारियों का कहना है कि यह एक सोची-समझी साजिश थी। इसका मकसद था, खबरों को अपने हिसाब से दिखाना और कार्रवाई के नतीजों से ध्यान हटाना। इस ऑपरेशन के बाद, ऑनलाइन दुष्प्रचार शुरू हो गया। पाकिस्तान के समर्थक सोशल मीडिया अकाउंट और नेता झूठी खबरें फैलाने लगे। वे अपनी सेना की जीत और जवाबी कार्रवाई की झूठी कहानियां बता रहे थे। लेकिन, स्वतंत्र और सरकारी जांच में ये सभी दावे झूठे पाए गए।

पीआईबी (PIB) ने एक चेतावनी जारी की। इसमें कहा गया कि ‘पाकिस्तान के समर्थक सोशल मीडिया अकाउंट और प्रभावशाली नेता जानबूझकर झूठी खबरें फैला रहे हैं। वे सेना की जीत और जवाबी कार्रवाई की झूठी कहानियां बना रहे हैं, जो सच नहीं हैं।’ एक बड़ा उदाहरण पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का था। उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों को पकड़ लिया गया है। बाद में उन्होंने यह बात वापस ले ली और माना कि किसी भी भारतीय सैनिक को हिरासत में नहीं लिया गया है।

एक और झूठी खबर वायरल हुई। इसमें कहा गया कि पाकिस्तान की सेना ने बहावलपुर के पास एक भारतीय राफेल जेट को मार गिराया। लेकिन, जांच में पता चला कि यह तस्वीर 2021 में मोगा, पंजाब में हुए एक मिग-21 क्रैश की है। इसका अभी की घटनाओं से कोई संबंध नहीं है। भारत सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) की फैक्ट-चेक यूनिट (FCU) ने भी इस खबर का खंडन किया।

पीआईबी (PIB) के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ‘7 मई की सुबह, भारत के ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने के बाद से ही फैक्ट-चेक यूनिट (FCU) के पास सवालों की बाढ़ आ गई है। 3 बजे के बाद से ही खबरों की सच्चाई जानने के लिए बहुत सारे अनुरोध आ रहे हैं।’ इस अधिकारी ने यह भी बताया कि FCU और PIB के सोशल मीडिया सेल के सदस्य 24 घंटे से सोए नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘हम सक्रिय हैं, हम 24 घंटे काम कर रहे हैं, हम हर झूठी खबर का मुकाबला करने की कोशिश कर रहे हैं।’

पाकिस्तान का क्या मकसद?
पीआईबी (PIB) की चेतावनी में आगे कहा गया है कि पाकिस्तान से जुड़े अकाउंट का मकसद सिंपल है। वे झूठ से सूचनाओं को इतनी जल्दी और इतनी ज्यादा भर देना चाहते हैं कि सच और झूठ में फर्क करना मुश्किल हो जाए। आजकल युद्ध के दौरान खबरों की लड़ाई कोई नई बात नहीं है। यूक्रेन और गाजा में भी ऐसा ही हुआ था। इस तरीके में पुरानी तस्वीरों और वीडियो का इस्तेमाल किया जाता है। झूठे दावे तेजी से फैलाए जाते हैं, जिससे लोगों के लिए सही जानकारी खोजना मुश्किल हो जाता है। एक पोस्ट में, यह दावा किया गया कि पाकिस्तान एयर फोर्स श्रीनगर एयरबेस पर हमला कर रही है। लेकिन, जांच में पता चला कि यह वीडियो 2024 की शुरुआत में खैबर पख्तूनख्वा, पाकिस्तान में हुए दंगों का है. इसका कश्मीर या हाल की सैन्य कार्रवाई से कोई संबंध नहीं है।

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