नई दिल्ली
भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर गोलीबारी भले ही थम गई हो, लेकिन पाकिस्तान के लिए राहत की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही। भारत ने एक बार फिर अपनी कूटनीतिक ताकत का लोहा मनवाते हुए सिंधु जल समझौते पर किसी भी तरह का फैसला लेने से साफ इनकार कर दिया है। यानी, पाकिस्तान की उम्मीदों पर पानी फिर गया और सिंधु जल संधि फिलहाल स्थगित ही रहेगी
पाकिस्तान की पहल, भारत की शर्तें
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने सनसनीखेज खुलासा किया कि सीजफायर का प्रस्ताव पाकिस्तान की ओर से आया था, लेकिन भारत ने इसे अपनी शर्तों पर लागू करवाया। सूत्रों ने दो टूक कहा, ‘यह कोई आपसी समझौता नहीं, बल्कि भारत की दृढ़ता का नतीजा है। सीजफायर हमारी शर्तों पर हुआ, और सिंधु जल संधि पर कोई बातचीत नहीं होगी।’ यह साफ है कि भारत ने पाकिस्तान को कूटनीति के मैदान में चारों खाने चित कर दिया।
पानी पर पाकिस्तान को करारा झटका
पाकिस्तान, जो पहले ही आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है, अब पानी के मोर्चे पर भी भारत की कड़ी नीति का सामना करेगा। सिंधु नदी का पानी पाकिस्तान की कृषि और अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, लेकिन भारत ने साफ कर दिया कि जब तक पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आता, उसे किसी राहत की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। जानकारों का मानना है कि यह फैसला पाकिस्तान के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं।
भारत का सख्त रुख
यह खबर पाकिस्तान के लिए एक और चेतावनी है कि भारत अब नरमी बरतने के मूड में नहीं है। चाहे सीमा पर शांति का सवाल हो या पानी का मुद्दा, भारत अपनी शर्तों पर ही खेल खेलेगा। अब सवाल यह है कि इस कूटनीतिक चोट से पाकिस्तान कैसे उबरता है, या फिर उसकी मुश्किलें और गहराती हैं। भारत का यह रुख न सिर्फ पाकिस्तान, बल्कि पूरी दुनिया को संदेश देता है कि भारत अपनी संप्रभुता और हितों से कोई समझौता नहीं करेगा।