14.3 C
London
Monday, September 15, 2025
Homeराष्ट्रीयवक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, मौलाना अरशद मदनी...

वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, मौलाना अरशद मदनी बोले- ये इशारा है कि…

Published on

वक्फ संशोधन कानून, 2025 के खिलाफ दायर याचिकाओं पर आज यानी गुरुवार (15 मई) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई अब अगले सप्ताह मंगलवार (20 मई) को करने का आदेश दिया. अगली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट अंतरिम स्टे से संबंधित पक्षकारों की दलीलों को सुनेगी.

मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई और जस्टिस जॉर्ज मसीह की दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर बहस के लिए वकीलों को दो-दो घंटे का समय दिया जाएगा और विपक्षी ओर पक्ष को जवाब देने के लिए भी दो घंटे का समय दिया जाएगा.

सुनवाई के दौरान जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्होंने एक संक्षिप्त नोट तैयार किया है जिसके आधार पर ही बहस की जाएगी. कपिल सिब्बल की ओर से तैयार नोट का जवाब केंद्र सरकार सोमवार (19 मई) तक अदालत में दाखिल करेगी, इस बात की पुष्टि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने CJI को की है. अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई मंगलवार (20 मई) को करेगा.

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर बोले जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष
SC की ओर से निर्धारित पांच याचिकाओं में मौलाना अरशद मदनी की याचिका भी है. जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा, “आशाजनक बात यह रही कि विवादित धाराओं पर रोक को अदालत ने बरकरार रखा है.” उन्होंने कहा, “अगली सुनवाई में दोनों पक्षों के वकीलों को दो-दो घंटे का समय बहस के लिए दिया गया है. यह इस बात का संकेत है कि अदालत इस मामले को गंभीरता से ले रही है और जल्द से जल्द इसकी सुनवाई पूरी करना चाहती है.”

मौलाना मदनी ने आगे कहा, “हम भी यही चाहते हैं कि इस पर अदालत का अंतिम फैसला जल्दी से आ जाए, क्योंकि अखबारों में छपी खबरों के मुताबिक नए वक्फ कानून की विवादित धाराओं पर रोक के बावजूद कई स्थानों पर मस्जिदों और दरगाहों को अवैध करार देकर गिरा दिया गया है. इसमें उत्तराखंड स्थित एक वक्फ दरगाह का मामला भी शामिल है. इसी तरह उत्तर प्रदेश के नेपाल सीमा से लगे जिलों में कई मदरसों, कब्रिस्तानों, ईदगाहों ही नहीं, बल्कि कई मस्जिदों को भी अवैध या सरकारी जमीन पर स्थित बताकर तोड़ दिया गया है.”

वक्फ संपत्तियों पर सबसे ज्यादा कब्जा सरकार ने किया- मौलाना मदनी
उन्होंने कहा, “जो लोग संविधान की सर्वोच्चता को खत्म कर चुके हों, उनसे यह उम्मीद कैसे की जा सकती है कि वे कानून का सम्मान करेंगे? ये वही लोग हैं जो सत्ता के नशे में खुद को ही कानून समझ बैठे हैं.” उन्होंने कहा, “वक्फ ‘दान’ का ही एक रूप है, लेकिन अफसोस की बात यह है कि वक्फ को लेकर पिछले कुछ समय से बेहद गलत प्रचार किया गया है और बहुसंख्यक समुदाय को यह विश्वास दिलाने की कोशिश की गई है कि वक्फ की आड़ में मुसलमानों ने सरकारी जमीनों पर कब्जा कर रखा है. जबकि दुखद सच्चाई यह है कि वक्फ संपत्तियों पर सबसे ज्यादा कब्जा सरकार ने ही कर रखा है. और यह वक्फ संशोधन कानून इसलिए लाया गया है ताकि इस अवैध कब्जे को कानूनी जामा पहनाने के साथ-साथ अन्य वक्फ संपत्तियों पर भी कब्जा करने का रास्ता आसान किया जा सके.”

Latest articles

गोविंदपुरा विधानसभा के बरखेड़ा पठानी मे पांच परिवारों के मकान ढहाए

भेल भोपाल।गोविंदपुरा विधानसभा के वार्ड 56 में बीते दिनों हुई भारी बारिश के बीच...

बीएचईएल सेवानिवृत्त सुपरवाइजर को साइबर धोखेबाजों ने लगाया 68 लाख का चूना

भोपाल।वर्षीय सेवानिवृत्त बीएचईएल सुपरवाइजर दो महीने तक चले "डिजिटल गिरफ्तारी" घोटाले का शिकार हो...

बीएचईएल को भारतीय रेलवे को कवच प्रणाली की आपूर्ति के लिए 23 करोड़ रुपये का मिला ऑर्डर

भेल भोपाल।सार्वजनिक क्षेत्र की इंजीनियरिंग कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स को भारतीय रेलवे (दक्षिण पश्चिम...

बीएचईएल में “उद्योग में हरित ऊर्जा का उपयोग” पर प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

भेल भोपाल।बीएचईएल भोपाल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से “उद्योग में हरित ऊर्जा के...

More like this

नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बनीं सुशीला कार्की

काठमांडू।नेपाल ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए सुशीला कार्की को देश की पहली...

Vaishno Devi latest Update: भूस्खलन के कारण यात्रा 5 सितंबर को भी बंद, जानें कब होगी दोबारा शुरू

Vaishno Devi latest Update: वैष्णो देवी के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है....

पटरियों पर दौड़ेगी हाइड्रोजन फ्यूल वाली ट्रेन, बीएचईएल ने सिंगापुर की कंपनी से किया समझौता

नई दिल्ली।आने वाले समय में भारत की पटरियों पर हाइड्रोजन फ्यूल वाली ट्रेनें दौड़ती...