गोंडा/लखनऊ:
भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष और कैसरगंज से पूर्व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के लिए सोमवार का दिन खुशियां लेकर आया। नाबालिग महिला पहलवान के यौन उत्पीड़न मामले में दिल्ली की कोर्ट ने पुलिस का क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार कर लिया। यह केस अब बंद हो गया है। बृजभूषण शरण सिंह पहले दिन से अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताते रहे हैं। दिल्ली के जंतर-मंतर पर बैठकर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया जैसे पहलवानों ने कई दिनों तक धरना दिया। विवाद के बीच बीजेपी ने 2024 लोकसभा चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काटकर उनके बेटे प्रतीक भूषण को पकड़ा दिया। करीब ढाई साल बाद बृजभूषण शरण सिंह इन आरोपों से पूरी तरह मुक्त हो गए हैं।
बृजभूषण सिंह के ऊपर POCSO एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज किया गया था। जानकारों की माने तो ये राहत बृजभूषण शरण सिंह के लिए राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। POCSO एक्ट जैसे गंभीर आरोपों से मुक्त होना उनके सार्वजनिक जीवन और राजनीतिक भविष्य को लेकर एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।
पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिलने से लगा क्लोजर रिपोर्ट
दरअसल पूर्व बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह को जिस मामले में राहत मिली है, उसे एक नाबालिग पहलवान की ओर से दर्ज कराया गया था। जिसमें बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगे थे। हालांकि पुलिस जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि मामले में पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं, जिसके आधार पर क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई थी। सोमवार को कोर्ट ने इस रिपोर्ट को मंज़ूरी दे दी। जनवरी 2023 में देश की प्रमुख महिला पहलवानों ने जंतर-मंतर पर जमकर विरोध-प्रदर्शन किया था।
सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद 28 अप्रैल, 2023 को दर्ज हुआ था केस
18 जनवरी, 2023 को विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ और करीब एक महीने तक चला। पहलवानों की मांग थी कि बृजभूषण को गिरफ्तार किया जाए। जब दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की, तो पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया। इसके बाद 21 अप्रैल, 2023 को एक नाबालिग समेत सात महिला पहलवानों ने शिकायत दी थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल, 2023 को एफआईआर दर्ज की और जून 2023 में बृजभूषण सिंह व तत्कालीन सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। मामले में एक शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत वापस भी ले ली थी।
पद से इस्तीफा और राजनीति में हलचल
इन आरोपों के बाद बृजभूषण शरण सिंह ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। 21 दिसंबर, 2023 को हुए संघ के चुनाव में उनके करीबी माने जाने वाले संजय सिंह के पैनल ने जीत हासिल की थी। इस पर बृजभूषण ने ‘दबदबा तो है’ जैसी टिप्पणी की थी, जिसके विरोध में ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया था। संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के कुछ दिन बाद ही खेल मंत्रालय ने WFI को निलंबित कर दिया। हालांकि, 11 मार्च 2025 को लगभग 26 महीने बाद मंत्रालय ने WFI से बैन हटा लिया और संजय सिंह को संगठन की पूरी ज़िम्मेदारी दे दी थी।
लम्बा चौड़ा रहा है राजनीति करियर
दूसरी ओर, पिता को कोर्ट से मिली बड़ी राहत को बेटे प्रतीक भूषण ने सत्य की जीत बताया है। बृजभूषण सिंह के बेटे और विधायक प्रतीक भूषण सिंह ने X पर लिखा कि यह सत्य की जीत है और आगे भी कायम रहेगी। यह एक झूठे और मनगढ़ंत मामले में न्यायिक विजय है। ब्रजभूषण शरण सिंह का लंबा चौड़ा राजनीति करियर रहा है। वो कैसरगंज सीट से पिछले तीन बार से लगातर सांसद निर्वाचित हुए हैं। साल 2009 में वो समाजवादी पार्टी से जीते। उसके बाद 2014 और 2019 में बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर उन्होंने जीत दर्ज की थी। बृजभूषण शरण सिंह 5 अप्रैल 2012 से 21 दिसंबर 2023 तक करीब 11 साल भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं। हालांकि 2024 लोकसभा चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह का टिकट कट गया था। उनकी जगह उनके बेटे करन भूषण सिंह को टिकट मिला था। करन भूषण कैसरगंज सीट से सांसद हैं।