नई दिल्ली
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि सरकारी पदों की भर्तियों में ‘नॉट फाउंड सूटेबल’ (कोई योग्य नहीं मिला) की कैटेगिरी नया ‘मनुवाद’ है। उन्होंने कहा, ‘ यह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के युवाओं को शिक्षा और नेतृत्व से दूर रखने की साजिश है। राहुल गांधी के इस आरोप पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पलटवार किया है।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट किया, ‘राहुल गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी आज देश में झूठ और फरेब की सबसे बड़ी ब्रांड एंबेसडर बन चुकी है। SC, ST और OBC को कांग्रेस के शाही परिवार ने हमेशा छला है, मगर शहज़ादे को अपने ही परिवार का वंचित और दलित विरोधी इतिहास पता नहीं है। इसीलिए आए दिन कांग्रेस आयातित टूलकिट के आधार पर शहज़ादे के लिए झूठ से भरी पोटली लेकर हाजिर हो जाती है…’
कांग्रेस को घेरा
उन्होंने आगे लिखा, ‘लंबे समय तक शासन करने के बाद भी कांग्रेस ने दलित, पिछड़ों और शोषितों को उनके अधिकारों से वंचित रखा। 2014 में जब UPA की सरकार गई, उस दौरान केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 57% SC, 63% ST और 60% OBC वर्ग के शिक्षकों के पद रिक्त थे। जिसे प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार ने सत्ता में आने के साथ ही भरने का काम किया है। साथ ही 2014 में शिक्षकों के 16,217 पदों को बढ़ाकर 18,940 करने का काम भी मोदी सरकार ने ही किया है। 2014 में रिक्त पदों की संख्या जो 37% थी वह आज 25.95% है और माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार में आज भी इन रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया निरंतर जारी है।’
प्रधान ने कांग्रेस को दिखाया आइना
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘कांग्रेस के 2004-14 के कार्यकाल में जहां IITs में सिर्फ 83 SC, 14 ST और 166 OBC faculty थी, तो वहीं NITs में केवल 261 SC, 72 ST और 334 नियुक्तियां हुईं। वहीं मोदी सरकार के कार्यकाल 2014-24 के दौरान IITs में 398 SC, 99 ST और 746 OBC तथा NITs में 929 SC, 265 ST और 1510 OBC शिक्षक नियुक्त हुए हैं।मोदी जी की ही सरकार ने Assistant Professor के लिए PHD की अनिवार्यता खत्म की।’
उन्होंने कहा, ‘जिस NFS – ‘Not Found Suitable’ की बात राहुल गांधी कर रहे हैं, वो बाबासाहेब का नाम लेकर राजनीति करने वाली दलित, शोषित और वंचित विरोधी कांग्रेसी सोच की ही देन थी। आजादी के उपरांत कांग्रेस की नीति के कारण ही ये NFS अब तक चलता आ रहा था, जिस कारण SC, ST और OBC के हकों को मारा जाता
‘…सबकुछ पीले रंग का ही दिखाई पड़ता है’
राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए प्रधान ने लिखा, ‘कांग्रेस पार्टी को पीलिया हुआ है इसीलिए उनको सबकुछ पीले रंग का ही दिखाई पड़ता है, या यूं कहें कि हर अच्छे में भी उन्हें बुरा ही दिखाई पड़ता है। बात-बात पर संविधान का नाम लेने वाली कांग्रेस पार्टी स्वयं बाबासाहेब के संविधान पर सबसे बड़ा हमला है और आज देश का युवा जानता है कि असली सामाजिक न्याय का काम अगर किसी ने किया है, तो वो प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार ने किया है और कांग्रेस चाहे जितना झूठ चला ले, देश के युवाओं का माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी पर विश्वास अडिग है।’
राहुल गांधी ने क्या पोस्ट किया?
राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘नॉट फाउंड सूटेबल’ अब नया मनुवाद है। एससी /एसटी/ओबीसी के योग्य उम्मीदवारों को जानबूझकर ‘अयोग्य’ ठहराया जा रहा है – ताकि वे शिक्षा और नेतृत्व से दूर रहें।’ उनके मुताबिक, ‘बाबासाहेब डॉ बी आर आंबेडकर ने कहा था: शिक्षा बराबरी के लिए सबसे बड़ा हथियार है। लेकिन मोदी सरकार उस हथियार को कुंद करने में जुटी है। दिल्ली विश्वविद्यालय में 60 प्रतिशत से ज़्यादा प्रोफेसर और 30 प्रतिशत से ज्यादा एसोसिएट प्रोफेसर के आरक्षित पदों को नॉट फाउंड सूटेबल बताकर खाली रखा गया है।’ उन्होंने दावा किया कि यह कोई अपवाद नहीं है क्योंकि आईआईटी, केंद्रीय विश्वविद्यालय…, हर जगह यही साजिश चल रही है। उन्होंने कहा कि ‘नॉट फाउंड सूटेबल’ संविधान पर हमला है और सामाजिक न्याय के साथ धोखा है।