नई दिल्ली:
कांग्रेस सांसद शशि थरूर को केंद्र सरकार ने उस डेलिगेशन का हिस्सा बनाया है, जो पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा की पोल खोलने के लिए विदेशी दौरे करेगा। कुछ जगहों पर कांग्रेस सांसद थरूर इसका नेतृत्व भी करेंगे। इस बीच कांग्रेस में एक धड़ा थरूर के केंद्र की टीम का हिस्सा बनने पर आपत्ति भी जता रहा है। इस मुद्दे पर कांग्रेस के अंदर ही नई बहस छिड़ गई है। कांग्रेस गंभीर राष्ट्रीय मुद्दे पर घटिया राजनीतिक करने का आरोप लगा रही है।
अब सवाल पूछा जा रहा है कि क्या कांग्रेस ने इस मुद्दे पर शशि थरूर का अपमान किया है। इसे लेकर खुद शशि थरूर का जवाब आया है। थरूर से पत्रकारों ने सवाल पूछा कि क्या उनके डेलिगेशन में शामिल होने से कांग्रेस पार्टी को कोई आपत्ति है तो इस पर थरूर ने कहा कि यह सवाल उनसे (कांग्रेस) ही पूछा जाना चाहिए।
शशि थरूर ने कहा है कि सरकार के इस कदम के पीछे कोई राजनीति नहीं है। उन्होंने कहा कि जब देश संकट में है तो नागरिकों को आगे आना चाहिए। सभी ने पाकिस्तान के साथ 88 घंटे की लड़ाई देखी है। इसलिए दुनिया हमारे बारे में क्या कह रही है, इसमें हम सभी की भूमिका होनी चाहिए।
किरेन रिजिजू ने किया था फोन
थरूर ने बताया कि उनके पास किरेन रिजिजू का फोन आया और उन्हें टीम का नेतृत्व करने के लिए कहा। थरूर ने आगे बताया कि इस पर उन्होंने तुरंत कांग्रेस के नेताओं को बता दिया था। थरूर ने यह भी कहा कि पार्टी ने जो नाम भेजे थे, उन्हें सार्वजनिक करने से उनका (थरूर) कोई अपमान नहीं हुआ है। मैं अपनी कीमत जानता हूं।
…तो उन्हें बार-बार सांसद क्यों बनाया
बीजेपी के नेताओं ने भी इस मामले पर अपनी राय रखी है। उन्होंने कांग्रेस पर सवाल उठाए हैं कि अगर पार्टी को थरूर से कोई आपत्ति है तो उन्होंने थरूर को बार-बार सांसद क्यों चुना। बीजेपी के नेता शहजाद पूनावाला ने भी इस मामले पर अपनी राय रखी है। दरअसल, सात समूहों के सांसदों को 30 से अधिक देशों में जाने के लिए चुना गया है। इन समूहों का नेतृत्व शशि थरूर, सुप्रिया सुले, रविशंकर प्रसाद और कनिमोझी करुणानिधि जैसे नेता करेंगे।
कांग्रेस के 4 नामों में से 1 ही चुना गया
बता दें कि कांग्रेस ने डेलिगेशन के लिए अपने चार नेताओं के नाम भेजे थे, जिनमें आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नासिर हुसैन और अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग शामिल थे। लेकिन सरकार ने जो सूची जारी की उसमें सिर्फ आनंद शर्मा को ही शामिल किया गया। इसके अलावा तीनों नामों को नजरअंदाज कर दिया गया।