नई दिल्ली,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) में 600 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली तीन नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी है. यह परियोजनाएं राजधानी के पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी क्षेत्रों में विकसित की जाएंगी. इनमें सूरजमल विहार में पूर्वी परिसर, द्वारका में पश्चिमी परिसर और नजफगढ़ के रोशनपुरा में वीर सावरकर कॉलेज का निर्माण शामिल है.
सूरजमल विहार: ईस्ट कैंपस
सूरजमल विहार में बनने वाला पूर्वी परिसर लगभग 15.25 एकड़ में फैला होगा और इसे 373 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जाएगा. यह कैंपस एलएलबी, एलएलएम, और पांच वर्षीय इंटेग्रेटेड एलएलबी प्रोग्राम सहित अन्य कोर्सेज कराएगा. इस आधुनिक परिसर में 60 क्लासरूम, 10 ट्यूटोरियल रूम, 6 मूट कोर्ट, 4 कंप्यूटर लैब, 2 कैफेटेरिया और 2 कॉमन रूम जैसी सुविधाएं होंगी.
द्वारका: वेस्ट कैंपस
द्वारका सैक्टर 22 में बनने वाले पश्चिमी परिसर का पहला चरण 107 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगा. इस परिसर में कुल 42 क्लासरूम, 2 मूट कोर्ट, डिजिटल लाइब्रेरी, सेमिनार हॉल, फैकल्टी रूम और कॉन्फ्रेंस रूम जैसी सुविधाएं होंगी. यह परिसर छात्रों को एक अत्याधुनिक और गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक अनुभव प्रदान करेगा.
नजफगढ़: वीर सावरकर कॉलेज
नजफगढ़ के रोशनपुरा में वीर सावरकर के नाम पर बनने वाले कॉलेज का निर्माण लगभग 140 करोड़ रुपये की लागत से होगा. इसमें 24 क्लासरूम, 8 ट्यूटोरियल रूम, 40 फैकल्टी रूम, एक कैंटीन, डिपार्टमेंट लाइब्रेरी और कॉन्फ्रेंस रूम जैसी सुविधाएं शामिल होंगी. यह कॉलेज क्षेत्र के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा.
समारोह का आयोजन
शिलान्यास समारोह का सीधा प्रसारण किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए. इन परियोजनाओं के पूरा होने से दिल्ली यूनिवर्सिटी के शैक्षणिक संसाधनों में बड़ा इजाफा होगा और छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा का लाभ मिलेगा. यह तीनों परियोजनाएं शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं. इनके पूरा होने से दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में छात्रों को बेहतर शिक्षा और आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी.
सीबीएसई ऑफिस का उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री दिल्ली के द्वारका में सीबीएसई के एकीकृत कार्यालय परिसर का भी उद्घाटन किया, जिस पर करीब 300 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. इसमें कई ऑफिस, ऑडिटोरियम, एडवांस्ड डेटा सेंटर, बड़ा वाटर मैनेजमेंट सिस्टम आदि शामिल हैं. पर्यावरण के अनुकूल इस बिल्डिंग का निर्माण हाई एनवायरमेंटल स्टैंडर्ड के अनुसार किया गया है और इसे भारतीय हरित भवन परिषद (आईजीबीसी) के प्लेटिनम रेटिंग मानकों के अनुसार डिजाइन किया गया है.