भारत पाकिस्तान के खिलाफ ले सकता है एक और सख्त फैसला… बंद हो सकती है पोस्टल सेवा, जंग के वक्त इंदिरा गांधी ने भी रोका था

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया है। बैसरन घाटी में 26 मासूम पर्यटकों की जान लेने वाले इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। अब खबर है कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ एक और सख्त कदम उठाने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, भारत जल्द ही पाकिस्तान के साथ पोस्टल सर्विस यानी डाक सेवा को पूरी तरह बंद कर सकता है।

पहले भी लग चुकी है डाक सेवा पर रोक
भारत-पाकिस्तान के बीच पोस्टल सर्विस का इतिहास उतना ही उतार-चढ़ाव भरा है, जितना इन दोनों देशों का रिश्ता। इससे पहले 2019 में, जब पुलवामा हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर था, भारत ने पाकिस्तान के साथ डाक सेवाओं को बंद कर दिया था। उस समय जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद दोनों देशों के रिश्ते बर्फ जैसे ठंडे हो गए थे। लेकिन यह पहला मौका नहीं था। 1971 के युद्ध के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी पाकिस्तान के साथ डाक सेवाओं पर रोक लगाई थी, जब भारत ने न सिर्फ युद्ध जीता, बल्कि पाकिस्तान के दो टुकड़े कर बांग्लादेश को आजाद कराया।

डाक सेवा बंद होने से क्या होगा असर?
पाकिस्तान के लिए डाक सेवा बंद होना सिर्फ कागजी कार्रवाई का मसला नहीं है। यह एक ऐसा कदम है, जो उसकी पहले से ही लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था पर भारी चोट कर सकता है। डाक सेवा के जरिए न सिर्फ व्यक्तिगत पत्र और पार्सल भेजे जाते हैं, बल्कि छोटे-मोटे व्यापार, दस्तावेजों का आदान-प्रदान और यहां तक कि कुछ सरकारी संचार भी होता है। हाल के वर्षों में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था गहरे संकट में । 2023 में महंगाई 38.5% तक पहुंच गई थी और विदेशी मुद्रा भंडार कुछ हफ्तों के आयात के लिए भी मुश्किल से पर्याप्त थे।

डाक सेवा बंद होने से पाकिस्तान में छोटे व्यापारियों और ई-कॉमर्स पर निर्भर लोगों को बड़ा झटका लगेगा। इसके अलावा यह एक बड़ा कूटनीतिक कदम भी होगा। यह कदम भारत का सख्त रुख दर्शाएगा, जो पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए हर मोर्चे पर दबाव बनाने की रणनीति पर काम कर रहा है।

क्या है भारत की रणनीति?
पहलगाम हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया बेहद तेज और सख्त रही है। शिमला समझौते से पाकिस्तान के पीछे हटने के बाद भारत के लिए अब पीओके में सैन्य कार्रवाई के दरवाजे भी खुल गए हैं। लेकिन भारत अभी कूटनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर दबाव बनाकर पाकिस्तान को घुटनों पर लाने की रणनीति पर काम कर रहा है।

भारत का सख्त संदेश
पहलगाम हमले ने भारत को एक बार फिर दिखा दिया कि पाकिस्तान से नरमी की उम्मीद करना बेकार है। डाक सेवा बंद करने का संभावित फैसला न सिर्फ पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को झटका देगा, बल्कि दुनिया को यह संदेश भी देगा कि भारत अब हर मोर्चे पर तैयार है। क्या यह कदम पाकिस्तान को सबक सिखाने में कामयाब होगा, या तनाव को और बढ़ाएगा? यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन इतना तय है कि भारत का यह ‘डाकिया’ अब चिट्ठी नहीं, बल्कि सख्त संदेश लेकर जाएगा!

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