BCCI: भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के लिए पिछले कुछ महीने किसी डरावने सपने से कम नहीं रहे हैं। जब से उन्होंने पद संभाला है, टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया की हालत पतली नज़र आ रही है। न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ घर में शर्मनाक हार और फिर ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का सपना टूटने के बाद अब दक्षिण अफ्रीका ने भी भारत के ‘किले’ में सेंध लगा दी है। ऐसे में सोशल मीडिया पर ख़बरें उड़ने लगीं कि गंभीर की विदाई तय है और वीवीएस लक्ष्मण नए टेस्ट कोच होंगे। लेकिन अब इस पूरे मामले पर BCCI ने अपनी ख़ामोशी तोड़ दी है।
गौतम गंभीर की कुर्सी पर मंडरा रहे थे ख़तरे के बादल
गौतम गंभीर के कार्यकाल में टीम इंडिया का विजय रथ बुरी तरह लड़खड़ा गया है। भारतीय क्रिकेट इतिहास में पहली बार न्यूज़ीलैंड ने भारत को उसके घर में क्लीन स्वीप किया। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ घरेलू टेस्ट सीरीज़ में 2-0 की करारी हार ने फैंस का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँचा दिया। चर्चा यहाँ तक थी कि BCCI अब टेस्ट और टी20 के लिए अलग-अलग कोच रखने की योजना बना रहा है। इन ख़बरों ने क्रिकेट गलियारों में भारी खलबली मचा दी थी।
BCCI सचिव ने अफ़वाहों को किया ‘क्लीन बोल्ड’
इन तमाम अटकलों के बीच, BCCI सचिव देवजीत सैकिया ने ‘इंडिया टुडे’ से बात करते हुए सब कुछ साफ़ कर दिया। उन्होंने गंभीर को हटाए जाने की ख़बरों को महज़ अफ़वाह करार दिया। सैकिया ने दो टूक शब्दों में कहा, “गौतम गंभीर को पद से हटाने को लेकर बोर्ड में किसी भी तरह की कोई चर्चा नहीं हुई है। न ही किसी दूसरे कोच से संपर्क किया गया है। ये सब सिर्फ़ मनगढ़ंत बातें हैं और कुछ नहीं।” उनके इस बयान ने गंभीर के विरोधियों की बोलती बंद कर दी है।
टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया की ‘बदहाली’ का असली कारण
टीम इंडिया की टेस्ट में हार के पीछे मुख्य वजह बल्लेबाज़ी का फ्लॉप शो है। रोहित शर्मा और विराट कोहली के संन्यास (टेस्ट से) के बाद, मिडिल ऑर्डर स्पिन गेंदबाज़ों के सामने ताश के पत्तों की तरह ढह रहा है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ दूसरे टेस्ट में भारत को 408 रनों की ऐतिहासिक हार झेलनी पड़ी, जो रनों के लिहाज से भारत की सबसे बड़ी हार है। गंभीर के ‘आक्रामक’ कोचिंग स्टाइल पर अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या वह टेस्ट की धीमी और संजीदा क्रिकेट के लिए फिट हैं?
कोचिंग स्टाफ में नहीं होगा कोई बदलाव, गंभीर को मिला ‘अभय दान’
BCCI ने यह स्पष्ट कर दिया है कि गौतम गंभीर अपने कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार भारतीय टीम के साथ काम करना जारी रखेंगे। फिलहाल उनकी पोजीशन को कोई ख़तरा नहीं है। बोर्ड ने कोचिंग स्टाफ (बॉलिंग और फील्डिंग कोच) में भी किसी बदलाव की संभावना से साफ़ इनकार किया है। बोर्ड का मानना है कि टीम फ़िलहाल ट्रांज़िशन फेज़ (बदलाव के दौर) से गुज़र रही है, और ऐसे में कोच को थोड़ा और समय मिलना ज़रूरी है।
क्या पलट पाएगी टीम इंडिया की किस्मत?
भले ही गंभीर को अभी बोर्ड का साथ मिल गया हो, लेकिन आने वाला समय उनके लिए और भी चुनौतीपूर्ण होने वाला है। फैंस अब जीत के साथ-साथ खिलाड़ियों के प्रदर्शन में निरंतरता देखना चाहते हैं। गंभीर के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती युवाओं की एक ऐसी फौज खड़ी करना है, जो विदेशी पिचों पर और स्पिन के खिलाफ़ डटकर खड़ी रह सके। अगर आने वाले मैचों में भी नतीजे नहीं बदले, तो बोर्ड को अपनी रणनीति पर दोबारा विचार करना पड़ सकता है।
