बारां:
अक्षय तृतीया के अबूझ सावे के दिन कोटा बाल कल्याण समिति ने आज धाकड़ कार्रवाई की। समिति ने बालश्रम के लिए ले जाए जा रहे 44 नाबालिगों को डिटेन किया है। बचाए गए सभी नाबालिगों को पिकअप वाहन में भेड़ बकरियों की तरह 45 डिग्री टेंपरेचर में ठूंस रखा था। इस संबंध में बाल कल्याण समिति को मुखबीर के जरिए सूचना मिली थी, जिसके बाद समिति की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और इसके बाद सभी नाबालिगों को आजाद करवाया।
सामूहिक विवाह सम्मेलन में बालश्रम के लिए ले जाया जा रहा था
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने मीडिया को बताया कि शुरुआती जांच में पता चला कि इन सभी नाबालिगों को अक्षय तृतीया के मौके पर कोटा गिरधरपुरा में हो रहे माली समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलन में बाल श्रम के लिए ले जाया जा रहा था। मिली जानकारी के अनुसार सभी नाबालिग बारां जिले के ही देवपुरा गांव के रहने वाला हैं। समिति अभी सभी नाबालिगों से पूछताछ और काउंसलिंग कर रही है। काउंसलिंग के बाद बच्चों को उनके परिवार के पास भेज दिया जाएगा। समिति बच्चों के परिजनों से भी आने वाले दिनों में समझाइश करेगी। ताकि बच्चों को आगे परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
पैसे का लालच देकर लाया गया
इन्हें बारां जिले के सोरसन क्षेत्र के देवपुरा गांव की बंजारा बस्ती से लाया गया था। बाल कल्याण समिति ने यह कार्रवाई मुखबीर की सूचना पर की। राजेंद्र सिंह ने कहा कि नाबालिग बच्चों को पैसे का लालच देकर लाया गया था। बाल कल्याण समिति ने डिटेन की कार्रवाई करने से पहले जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को सूचना दी।