भागलपुर
29 मई को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के एक अधिकारी को व्हाट्सएप पर जान से मारने की धमकी मिली। इस मैसेज में सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने की धमकी दी गई थी। PMO और इंटेलिजेंस एजेंसियों ने तुरंत कार्रवाई की। NIA, IB और गृह मंत्रालय ने भागलपुर पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने तेजी से जांच करके 4 घंटे में आरोपी समीर रंजन को गिरफ्तार कर लिया। समीर ने धमकी देने के लिए एक बुजुर्ग के नाम पर जारी सिम कार्ड का इस्तेमाल किया था।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, PMO के एक अधिकारी को व्हाट्सएप पर एक धमकी भरा मैसेज मिला। मैसेज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जान से मारने की धमकी दी गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए PMO और इंटेलिजेंस एजेंसियां हरकत में आईं। NIA, IB और गृह मंत्रालय ने भागलपुर पुलिस से संपर्क किया। भागलपुर के एसएसपी हृदयकांत ने तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने डीएसपी, तकनीकी सेल और सुल्तानगंज थाना टीम को जांच में लगाया।
दूसरे के नाम पर सिम कार्ड
पुलिस की तेजी से कार्रवाई का नतीजा यह हुआ कि सिर्फ 4 घंटे में आरोपी समीर रंजन को गिरफ्तार कर लिया गया। जांच में पता चला कि धमकी देने के लिए जिस मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया गया था, वह 71 वर्षीय बुजुर्ग मंटू चौधरी के नाम पर था। समीर ने यह नंबर फर्जी तरीके से हासिल किया था।
कौन है आरोपी समीर रंजन
आरोपी समीर रंजन 35 साल का है। उसके पिता का नाम कुमार शरद रंजन है। वह महेशी गांव, सुल्तानगंज थाना क्षेत्र का रहने वाला है। समीर ने BCA किया है। कोविड-19 से पहले वह नौकरी करता था, लेकिन बाद में बेरोजगार हो गया। कोविड के बाद से उसकी नौकरी स्थिर नहीं रही। इस वजह से वह मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान रहता है। फिलहाल पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।