18.8 C
London
Sunday, June 22, 2025
Homeराज्यऑनलाइन सट्टेबाजी पर हाई कोर्ट का चला चाबुक, यूके और अमेरिका की...

ऑनलाइन सट्टेबाजी पर हाई कोर्ट का चला चाबुक, यूके और अमेरिका की तरह जैसे नया कानून बनाए सरकार

Published on

प्रयागराज

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी जैसे वर्चुअल अपराधों पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार से तत्काल प्रभावी कानून बनाने की सिफारिश की है। कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक जुआ अधिनियम, 1867 अब अप्रासंगिक हो चुका है और वर्तमान डिजिटल युग की चुनौतियों से निपटने में असमर्थ है। न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की एकलपीठ ने यह आदेश आगरा निवासी इमरान खान व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। याचियों के खिलाफ तीन वर्ष पूर्व सार्वजनिक जुआ अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसे रद्द करने की मांग की गई थी।

समिति गठित करने का निर्देश
कोर्ट ने सरकार को आर्थिक सलाहकार प्रो. के. वी. राजू की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित करने का निर्देश दिया है। इस समिति में प्रमुख सचिव (राज्य कर) और तकनीकी विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाएगा, जो मौजूदा स्थिति का मूल्यांकन कर नई विधायी व्यवस्था तैयार करेगी।

कोर्ट ने कहा कि वर्तमान में ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग प्लेटफार्म युवाओं और किशोरों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहे हैं। “आसानी से पैसे कमाने की लालसा में युवा अवसाद, अनिद्रा, चिंता और सामाजिक विघटन जैसे मानसिक संकटों में फंसते जा रहे हैं।” खासतौर पर निम्न और मध्यम वर्ग के लोग सबसे अधिक आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं।

वर्तमान कानून अपर्याप्त
सार्वजनिक जुआ अधिनियम 1867 में अधिकतम 2000 रुपये का जुर्माना और 12 महीने की कैद का प्रावधान है, जो ऑनलाइन जुए की व्यापकता के सामने अप्रभावी साबित हो रहा है। साथ ही, फैंटेसी स्पोर्ट्स, पोकर और ई-स्पोर्ट्स जैसे ऑनलाइन गेम्स को लेकर भी विधिक स्पष्टता नहीं है, क्योंकि इनके सर्वर अक्सर भारत से बाहर होते हैं। कोर्ट ने रजिस्ट्रार को आदेश की प्रति उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव को सौंपने का निर्देश दिया है, ताकि उचित कार्रवाई और अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके।

दूसरे देशों की व्यवस्था का दिया हवाला
कोर्ट ने कहा कि यूके, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया जैसे देशों ने ऑनलाइन जुए को कानूनी दायरे में लाकर उसे नियंत्रित किया है। यूके का 2005 का जुआ अधिनियम एक उदाहरण है, जिसमें लाइसेंसिंग, आयु सत्यापन, विज्ञापन मानक और धन शोधन विरोधी उपाय शामिल हैं। भारत में नीति आयोग ने दिसंबर 2020 में एक नीति पत्र तो जारी किया था, लेकिन अब तक यह एक ‘ग्रे ज़ोन’ में ही बना हुआ है।

Latest articles

भेल लेडिस क्लब ने बनाया योग दिवस 

भेल भोपालभेल लेडिस क्लब ने बनाया योग दिवस,लेडीज क्लब द्वारा संचालित हेल्पिंग हैंड्स के...

मध्य प्रदेश में फिर तबादलों पर रोक शिक्षा विभाग में भी कई अधिकारियों के ट्रांसफर

मध्य प्रदेश में फिर तबादलों पर रोक शिक्षा विभाग में भी कई अधिकारियों के...

बीएचईएल ने उत्साह के साथ योग दिवस मनाया

बीएचईएल झांसीबीएचईएल ने उत्साह के साथ योग दिवस मनाया,कंपनी के कर्मचारियों एवं प्रशिक्षुओं के...

बीएचईएल में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया

हरिद्वारबीएचईएल में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया,देश और विश्व के साथ-साथ भील हरिद्वार में...

More like this

मध्य प्रदेश में सदानिरा समागम का आगाज CM मोहन यादव बोले- प्रदेश में गंगा-यमुना से भी ज्यादा जल

CM : मध्य प्रदेश में जल संरचनाओं के संरक्षण के लिए चलाए जा रहे...

MP Unique Transfer: भ्रष्टाचार में जेल में बंद पटवारी का भी हो गया ट्रांसफर

MP Unique Transfer:हाल ही में मध्य प्रदेश में तबादला नीति के तहत अधिकारियों और...