रियासी।
पहलगाम में हमारे मेहमानों और निर्दोष लोगों पर हमला करने वाले इंसान कहलाने के लायक नहीं है । अगर मोदी सरकार आदेश दे तो हम भीतर घुसकर दुश्मन को चीर-फाड़कर आ जाएंगे। यह शब्द है हिजबुल मुजाहिदीन के पूर्व लॉन्चिंग कमांडर मोहम्मद कालू के जिसमें पहलगाम आतंकी हमले पर दुख जताते हुए पाकिस्तान को खूब खरी-खोटी सुनाई।
पहली बार ऐसी घटना देखी- मोहम्मद कालू
शहर से सटे नवाबाद गांव में रहने वाले आत्मसमर्पित तथा पूर्व आतंकी रहे मोहम्मद कालू ने कहा कि उन्होंने भी अपनी जिंदगी में पहली बार इस तरह की घटना देखी है, जिसमें नमाज और कलमा के बारे में पूछकर निर्दोष लोगों को गोली मार दी गई। इस कृत्य को अंजाम देने वाले इंसान कहलाने के लायक नहीं है।
मोहम्मद कालू ने कहा कि वाजपेयी सरकार ने आतंकियों के मुख्य धारा में वापस लौटने की नीति बनाई थी, जिसके बाद कई आतंकी मुख्य धारा में लौटकर आज अमन-चैन की जिंदगी जी रहे हैं। उसी तरह सरकार को कुछ नया करने की जरूरत है, जिससे आतंकवाद को जड़ से खत्म कर हर कोई सुख-चैन से जिए।
गुर्जर बकरवाल रेजिमेंट बनाने की मांग की
उन्होंने कहा जिस तरह सेना की डोगरा रेजिमेंट है इसी तरह विशेष तौर पर आतंकवाद का समूल नाश करने के लिए गुर्जर बकरवाल रेजीमेंट बनाई जानी चाहिए, भले ही यह लोग कम पढ़े लिखे हैं, लेकिन यह निडर लोग जंगल-पहाड़ों के चप्पे-चप्पे से वाकिफ होते हैं, कहीं भी छुपे आतंकियों को यह लोग कान से पकड़कर बाहर निकाल लेंगे। इन्हें हथियारों की भी जरूरत नहीं, यह लाठी-डंडों से भी उन्हें मार गिराएंगे।पहलगाम घटना पर मोहम्मद कालू ने कहा कि पाकिस्तान को शर्म आनी चाहिए। मोहम्मद कालू ने कहा कि जम्मू- कश्मीर हमारा है ना कि पाकिस्तान का। अगर मोदी सरकार निर्देश दे, तो हम लोग भीतर घुसकर दुश्मन को ठोक कर और चीर-फाड़कर वापस आ जाएंगे।
2004 में कालू ने किया था आत्मसमर्पण
मोहम्मद कालू के आतंकवाद में सक्रिय रहने के दौरान कार्यरत पुलिस के कुछ अधिकारियों ने बताया कि मोहम्मद कालू पूर्व में हिजबुल मुजाहिदीन का लॉन्चिंग कमांडर था। कालू ने वर्ष 2004 में पुलिस के आगे आत्मसमर्पण कर दिया था। अधिकारियों ने कालू को काफी दिलेर और रियासी व राजौरी जिला तथा उसके आसपास के जंगल पहाड़ों का अच्छा जानकार भी बताया। आत्मसमर्पण करने के बाद से मोहम्मद कालू कामकाज करते हुए अमन-चैन की जिंदगी जी रहा है।