पुणे :
UPSC ने महाराष्ट्र काडर की 2022 बैच की ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी है। भविष्य में किसी भी परीक्षा में शामिल होने पर भी रोक लगा दी। UPSC ने कहा कि आयोग ने रेकॉर्ड की पड़ताल की है और उन्हें CSE-2022 नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करने का दोषी पाया है। इधर कोर्ट में सुनवाई के दौरान पूजा खेडकर ने पुणे के मौजूदा कलेक्टर पर यौन उत्पीड़न का प्रयास करने का आरोप लगाया है। पूजा खेडकर का आरोप है कि उन्हें जिला कलेक्टर के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत करने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। वहीं आरोप पर जिला कलेक्टर सुहास दिवासे ने इसे ‘नॉनसेंस’ करार दिया है। सुहास दिवस ने कहा कि पूजा खेडकर उनके ऊपर बेतुके आरोप लगा रही हैं। सभी आरोप मनगढ़ंत हैं। इधर दिल्ली की एक अदालत धोखाधड़ी और जालसाजी के एक मामले में आरोपी ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत अर्जी पर एक अगस्त को फैसला सुना सकती है।सुनवाई के दौरान खेडकर ने अदालत से कहा कि एक अधिकारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार जंगला ने बुधवार को खेडकर द्वारा दायर अर्जी पर दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया।
पूजा खेडकर ने कोर्ट से क्या कहा
खेडकर की ओर से पेश वकील बीना महादेवन ने अदालत से कहा, ‘मैंने (खेडकर ने) यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई है, इसीलिए मेरे खिलाफ यह सब हो रहा है। यह सब जिलाधिकारी के इशारे पर हो रहा है, जिनके खिलाफ मैंने यौन उत्पीड़न की शिकायत की है। उस व्यक्ति ने मुझे एक निजी कमरे में आकर बैठने को कहा। मैंने कहा कि मैं एक योग्य आईएएस हूं और मैं ऐसा नहीं करूंगी। मैं अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए अग्रिम जमानत का अनुरोध कर रही हूं।’
कलेक्टर दफ्तर से 11 दिन अटैच रहीं पूजा खेडकर
दिवासे ने कहा कि पूजा खेडकर 3 से 14 जून तक जिला कलेक्टर कार्यालय से अटैच थीं। इस दौरान वह पूजा खेडकर से महज तीन बार मिले। यह मुलाकात आधिकारिक थी और इस दौरान अन्य अधिकारी और वकील भी मौजूद थे। दिवासे ने कहा कि उनकी पूजा से कभी भी अकेले मीटिंग नहीं हुई न ही उन्होंने पूजा से कभी अकेले कोई बात की। 14 जून के बाद उन्हें संभागीय आयुक्त के कार्यालय से अटैच कर दिया गया था।
महाराष्ट्र सरकार को लिखा था लेटर
जिला कलेक्टर दिवासे ने कहा कि पूजा खेडकर ने वहां अपनी पोस्टिंग के दौरान कोई आरोप नहीं लगाया था। उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार को लिखे अपने पत्र में, मेरे पत्र के जवाब में, उन्होंने ऐसा कोई आरोप नहीं लगाया था।’ उन्होंने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उत्पीड़न का मुद्दा तभी उठा जब वह वाशिम गई और बाद में सोच समझकर इस तरह के आरोप लगाए। उन्होंने ऐसा क्यों किया, यह सब जानते हैं।
वाशिम ट्रांसफर के बाद उठा मुद्दा
दिवासे ने ट्रेनी आईएएस की पोस्टिंग के दौरान उनके कथित दुर्व्यवहार के बारे में महाराष्ट्र सरकार को पत्र लिखा था। दिवासे की रिपोर्ट के बाद पूजा खेडकर को वाशिम स्थानांतरित कर दिया गया था। वाशिम में ट्रांसफर होने के बाद पूजा खेडकर ने दिवासे के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी।