दौसा/जयपुर
भजनलाल सरकार के कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा बीते समय अपने इस्तीफे को लेकर काफी सुर्खियों में रहें। इस बीच किरोड़ी लाल मीणा ने शनिवार को दौसा में इस्तीफे को लेकर अपने बड़े बयान से सियासी गलियारों में हलचल मचा दी हैं। उन्होंने इससे पर्दा उठाते हुए बताया कि क्यों उन्होंने इस्तीफा देने की घोषणा की? उन्होंने कहा कि मुरारी लाल मीणा के चक्कर में मुझे इस्तीफा देना पड़ा, वरना नहीं देता। इस दौरान दौसा सांसद मुरारी लाल मीणा भी मौजूद थे, उनके सामने ही किरोड़ी लाल मीणा ने चुटकी लेते भी यह बयान दिया। इधर, किरोड़ी लाल के इस बयान के बाद राजनीतिक जानकार लोग इसके कई मायने निकाल रहे हैं।
किरोड़ी बोले, मुरारी के चक्कर में दिया इस्तीफा
लोकसभा चुनाव 2024 में दौसा लोकसभा सीट पर बीजेपी की हार के बाद कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी। इसके बाद उनके इस्तीफे को लेकर कई राजनीतिक घटनाक्रम भी देखने को मिले। करीब 9 महीने बाद बीजेपी हाई कमान के निर्देश पर किरोड़ी ने आखिर मंत्री पद संभाला। इधर, दौसा में एक कार्यक्रम में उन्होंने इस रहस्य से पर्दा खोलते हुए कहा कि मैं पिछले 9 महिने से अवकाश पर था। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि दौसा सांसद मुरारी लाल मीणा ने इस्तीफा दिलवा दिया और वनवास भी कटवा दिया, वरना इस्तीफा नहीं देता। इस दौरान कार्यक्रम में दौसा सांसद मुरारी लाल मीणा भी मौजूद थे, उनके सामने ही किरोड़ी लाल मीणा ने चुटकी लेते भी यह बयान दिया। इधर, किरोड़ी के बयान से सियासी गलियारों में जमकर हलचल मच गई है।
किरोड़ी लाल मीणा के बयान के क्या हैं मायने?
दौसा में किरोड़ी लाल के इस बयान को समझा जाएं तो किरोड़ी ने इसे लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव परिणाम से जोड़ा हैं। दौसा में बीजेपी ने लोकसभा सीट से उम्मीदवार कन्हैयालाल मीणा को जीत दिलाने के लिए किरोड़ी लाल को जिम्मेदारी सौंपी थी। इसको लेकर किरोड़ी लाल मीणा ने एडी से चोटी का जोर भी लगाया। यहां तक कि उन्होंने मीणा समाज की महापंचायत में चेतावनी दी कि यदि कन्हैया लाल मीणा लोकसभा चुनाव में हारा, तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। इसके बावजूद भी किरोड़ी लाल मीणा कन्हैया लाल को जीत नहीं दिला सके। इधर, किरोड़ी के पूरा जोर लगाने के बाद भी कांग्रेस के मुरारी लाल मीणा ने जीत हासिल की। इससे किरोड़ी की राजनीतिक प्रतिष्ठा काफी प्रभावित हुई थी। माना जा रहा है कि इसी से व्यथित होकर किरोड़ी ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था।