नीतीश के पार्टनर BJP के साथ तेजस्वी का ‘गेम’! इलेक्शन से पहले इस पार्टी का RJD में विलय

पटना:

बिहार बीजेपी को इन दिनों उनके आधार वोटबैंक बिखरने का खतरा मंडराने लगा है। लोकसभा चुनाव 2024 में वैश्य और कुशवाहा वोट के बिखरने का काफी असर दिखा। शाहाबाद की चार लोकसभा सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। दरअसल, लोकसभा चुनाव के पहले वैश्य का वोट भाजपा को हर हाल में पड़ता था, चाहे उम्मीदवार किसी भी जाति का हो। लेकिन, अन्य दल के उम्मीदवार अगर वैश्य हो तो भाजपा का ‘टेकेन फॉर ग्रांटेड वैश्य वोट’ बंटने लगा है।

RJD में हो गया वैश्य आधारित पार्टी का विलय
अब तक तो भाजपा वैश्य वोट के बिखराव के संकट से गुजर रही थी लेकिन एक वैश्य आधारित पार्टी ने राजद में विलय कर बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है। कल ही वैश्य नेताओं यानि रंजना साहू, नरेन्द्र साहू, अरुण गुप्ता जैसे वैश्य नेताओं की राष्ट्रीय प्रगति पार्टी ने राजद में विलय कर भाजपा को अनजाने थ्रेट के प्रति सचेत कर गया। मिली जानकारी के अनुसार अमरकांत साहू ने अपने समर्थकों की उपस्थिति में अपनी पार्टी का विलय राष्ट्रीय जनता दल में किया। इस मौके पर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने व्यवसायी वर्ग से आग्रह किया कि वे सरकार बनाने में मदद करें। वे नया बिहार बनाकर देंगे। भयमुक्त वातावरण देंगे। समाज को जोड़ने में आप सभी लोग सहयोग करें।

MLA रणविजय साहू भाजपा के लिए बड़ा खतरा
इतना भर नहीं, राजद को तेली समाज के विधायक और पार्टी के प्रदेश महासचिव रणविजय साहू का भी साथ प्राप्त है। वैश्य में सबसे ज्यादा वोटर तेली समाज के हैं और इनकी तेली जाति पर काफी पकड़ है। अपनी इस जातीय समीकरण को साध कर मोरवा से विधायक बने हुए हैं और पार्टी के लिए वैश्य मतों की गोलबंदी के बड़े फैक्टर बने हुए हैं।

आईपी गुप्ता ने भी बढ़ाई भाजपा की टेंशन
कुछ दिनों पहले अखिल भारतीय पान महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आईपी गुप्ता ने नई पार्टी इंडियन इंकलाब पार्टी का गठन तक कर डाला। आईपी गुप्ता ने इस खास दिन को राजधानी पटना के गांधी मैदान में भीड़ से ऐतिहासिक बना डाला। ये भी घोषणा कर डाली कि बिहार के 243 सीटों पर उनकी पार्टी चुनाव लड़ेगी। अपने साथ पान व्यवसायी, तांती-ततवा और अन्य वैश्य जातियों को जोड़ कर भाजपा की विरुद्ध नई चुनौती खड़े कर गए।

बिहार भाजपा का डैमेज कंट्रोल
ऐसा नहीं कि भाजपा को इन खतरों का एहसास नहीं है। वैश्य वोट में बिखराव रोकने के लिए भाजपा ने भी डैमेज कंट्रोल को लेकर चालें चली। सबसे पहले तो संजय जयसवाल को भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष बना कर वैश्य वर्ग के बिखराव को रोकने का प्लान बनाया। इनके बाद भी वैश्य मत के बिखराव को रोकने के लिए दिलीप जायसवाल को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया। मगर, जो प्रभाव वैश्य जाति पर पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का रहा, वो असर आज नहीं दिखती है।

हमारे व्हाट्सप्प ग्रुप से जुड़े 👉👉

Join Now

Latest Stories