मुंबई
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने माराठा आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठक मनोज जारांगे के स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त की है। शिंदे ने एक बयान में कहा है कि सरकार को मनोज जारांगे-पाटिल के स्वास्थ्य की चिंता है। हमें आगे की चर्चा के लिए उनकी जरूरत है और हम मिलकर काम करेंगे। उनसे अपील है कि वे अपनी भूख हड़ताल खत्म करें और अस्पताल में भर्ती होकर जल्दी ठीक हो जाएं। मराठा आरक्षण मांग कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के बाद विपक्ष के निशाने पर आए सीएम शिंदे ने एक ऐलान किया कि अगली कैबिनेट की बैठक मराठवाड़ा में ली जाएगी। इसके मराठा कार्ड के तौर देखा जा रहा है।
शिंदे बोले, कोई बख्शा नहीं जाएगा
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि जालना में लाठीचार्ज की घटना पर हमने अब तक सख्त कार्रवाई की है। जालना एसपी को जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया है। एडीजीपी स्तर की जांच चल रही है और मैं आश्वासन देता हूं कि किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। सीएम शिंदे ने कहा कि मनोज जारांगे पाटिल की मांग है कि जिनके पास निज़ाम काल के सबूत हैं। उन्हें कुनबी प्रमाण पत्र प्रदान किया जाना चाहिए, आज की कैबिनेट बैठक में हमने सेवानिवृत्त सेवानिवृत्त जस्टिस संदीप शिंदे अगुवाई में एक कमेटी बनाई गई है। जो एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम जीआर भी जारी करेंगे जिसमें उल्लेख किया जाएगा कि जिन लोगों को निमाज़ काल से संबंधित प्रमाण की आवश्यकता होगी उन्हें कुनबी प्रमाण पत्र दिया जाएगा जो मराठा आरक्षण के लिए रास्ता बनाएगा।
‘मैं राजनीति नहीं करना चाहता’
सीएम शिंदे ने कहा कि मैं यह भी आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी करेंगे और पक्ष रखेंगे। सीएम शिंदे ने कहा कि मैं राजनीति नहीं करना चाहता लेकिन सभी अच्छी तरह से जानते हैं कि मराठा आरक्षण किसके कार्यकाल में खारिज किया गया था। सीएम शिंदे ने कहा कि आज हमने प्याज उत्पादक किसानों को सब्सिडी देने का भी फैसला लिया है। हम किसानों के साथ हैं और प्रतिबद्ध हैं। मराठा क्रांति मोर्चा के नेता मनोज जारांगे ने मराठा आरक्षण को सरकार को जीआर इश्यू करने के चार दिन का अल्टीमेटम दिया है। जारांगे ने ऐसा नहीं होने पर पानी और तराल पदार्थ छोड़ने की धमकी दी है।