कोयला संकट में दोनों हाथों से कमा रहे हैं गौतम अडानी! जानिए क्या है मामला

नई दिल्ली

देश में कोयले का संकट चल रहा है और इसे दूर करने के लिए भारत को आननफानन में विदेशों से कोयले का आयात करना पड़ रहा है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस गौतम अडानी को इसका काफी फायदा मिल रहा है। सूत्रों के मुताबिक सरकारी कंपनी एनटीपीसी (NTPC) ने दो करोड़ टन कोयले के आयात का ऑर्डर दिया है। इसमें से 1.73 करोड़ टन कोयले के आयात का ऑर्डर अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को मिला है। एनटीपीसी को इस साल अब तक 70 लाख टन विदेशी कोयला मिल चुका है।

इस मामले में अडानी ग्रुप और एनटीपीसी ने तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। भीषण गर्मी और कोराना का प्रकोप कम होने के साथ ही औद्योगिक गतिविधियों के पटरी पर लौटने से देश में बिजली की मांग रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। तब बिजलीघरों के पास कुछ ही दिनों का कोयला रह गया था। इस कारण सरकार ने कंपनियों को कोयला आयात करने को कहा था। कोल इंडिया ने जून में कोयले के आयात को लिए टेंडर निकाला था। कोल इंडिया की तरफ से यह इस तरह का पहला टेंडर था।

अडानी की कंपनी को फायदा
ब्लूमबर्ग इंटेलीजेंस एनालिस्ट Denise Wong ने सोमवार को एक नोट में कहा कि कोयले के आयात में बढ़ोतरी से अडानी की पोर्ट कंपनी को फायदा हुआ है और जून तिमाही में उसका राजस्व बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि बिजली बनाने वाली कंपनियों के साथ फिक्स्ड कॉन्ट्रैक्ट्स और स्ट्रॉन्ग ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क की वजह से कंपनी इसका फायदा उठाने की स्थिति में है। आयात की वजह से पावर प्लांट्स में कोयले के भंडार में पिछले एक महीने में करीब 11 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

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