नई दिल्ली
हाल ही में दिल्ली के ‘कॉन्स्टिट्यूशन क्लब’ में ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल (एआईएसएससी) की तरफ से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस अंतर धार्मिक सम्मेलन में धार्मिक नेताओं की उपस्थिति में काफी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस सम्मेलन में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) जैसे संगठन पर प्रतिबंध लगाने का एक प्रस्ताव भी पारित किया गया। कार्यक्रम में सैयद सलमान नदवी भी शामिल हुए थे जो PFI पर बयान से पलट गए हैं।
सलमान नदवी ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि उन्होंने जिस कार्यक्रम में शिरकत की उन्हें नहीं पता कि PFI पर प्रतिबंध की बात हो रही है और न ही कोई ऐसा प्रस्ताव लाया गया। और न ही किसी पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने कहा कि किसी संगठन के किसी एक व्यक्ति के गलत काम की वजह से पूरे संगठन को तो बैन नहीं कर सकते। उन्होंने पीएफआई की बात करते हुए इसकी तुलना आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद से कर डाली।
सलमान नदवी ने कहा कि पीएफआई ढंग के काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पीएफआई है, तबलीगी जमात है, आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन हैं। इसमें कोई एक व्यक्ति गलत काम करता है तो पूरे संगठन को तो आप बैन नहीं कर सकते हैं। किसी एक व्यक्ति के अपराध के लिए पूरे संगठन को बैन करना तो ठीक नहीं।
दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में संस्था के फाउंडर हजरत सैय्यद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा था कि सर तन से जुदा स्लोगन एंटी इस्लामिक है। यह तालिबानी सोच है, इसका मुकाबला करने के लिए बंद कमरों की जगह खुले में आकर लड़ाई की जरूरत है। एआईएसएससी के सम्मेलन में धार्मिक नेताओं ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे संगठनों और ऐसे अन्य मोर्चों पर प्रतिबंध लगाने का एक प्रस्ताव पारित किया गया।