हंस-खेल रहे बाजार में लगातार छठे दिन मातम, आगे कैसी रहेगी चाल? ये 7 फैक्‍टर करेंगे तय

नई दिल्‍ली

स्‍थानीय शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला जारी है। सोमवार को लगातार छठे कारोबारी सत्र में इस पर मायूसी के बादल छाए रहे। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 638.45 अंक यानी 0.78 फीसदी लुढ़ककर 81,050 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 962.39 अंक तक नीचे चला गया था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 218.85 अंक यानी 0.87 फीसदी टूटकर 24,795.75 अंक पर पहुंच गया। पश्चिम एशिया में तनाव और चीन की ओर विदेशी निवेशकों के रुख के कारण कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका से बाजार में यह गिरावट आई है। इसके पहले तक घरेलू शेयर बाजार सरपट दौड़ने में लगा था।

जानकारों के अनुसार, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और चीन जैसे सस्ते बाजारों में पूंजी प्रवाह के बीच भारतीय बाजार निराशा में जकड़ गया है। उन्‍होंने आशंका जाहिर कि भू-राजनीतिक तनाव और FII बिकवाली के डर से बाजार में सतर्कता बनी रहेगी। आइए यहां उन प्रमुख फैक्‍टर्स पर नजर डालते हैं जो आगे दलाल स्ट्रीट की चाल तय करेंगे:

1. विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) का रुख
उभरते बाजारों में ‘चीन खरीदें, भारत बेचें’ का खेल चल रहा है। FII ने अक्टूबर के पहले 3 दिनों में लगभग 30,718 करोड़ रुपये के भारतीय शेयर बेचे हैं। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वी के विजयकुमार के मुताबिक, पिछले महीने हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 26% बढ़ा है। इस तेजी के जारी रहने की उम्मीद है। कारण है कि चीन के शेयरों का वैल्‍यूएशन बहुत कम है। चीन की अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए लागू किए जा रहे मौद्रिक और राजकोषीय प्रोत्साहन का अच्‍छा असर दिखने की उम्‍मीद है।

2. ग्‍लोबाल मार्केट
शुक्रवार को डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज ने रिकॉर्ड क्लोजिंग हाई दर्ज किया। नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्स 1% से अधिक की बढ़त के साथ बंद हुआ। उम्मीद से बेहतर रोजगार रिपोर्ट ने उन निवेशकों को आश्वस्त किया जो चिंतित थे कि अर्थव्यवस्था बहुत कमजोर हो सकती है। रिपोर्ट से पता चला है कि सितंबर में अमेरिका में नौकरियों में बढ़ोतरी छह महीनों में सबसे अधिक हुई। बेरोजगारी दर घटकर 4.1% हो गई।

3. कच्‍चा तेल
साप्ताहिक आधार पर ब्रेंट क्रूड 8% से अधिक बढ़ा है। यह मिडिल ईस्‍ट में में क्षेत्र-व्यापी युद्ध के बढ़ते खतरे के कारण जनवरी 2023 के बाद से एक सप्ताह में सबसे अधिक है। कच्चे तेल में तेजी भारत के लिए बुरी खबर है क्योंकि यह आयात बिल पर अतिरिक्त बोझ है।

4. चुनाव
बाजार पर नजर रखने वाले हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव के नतीजों पर भी नजर रखेंगे। अगर एग्जिट पोल पर विश्वास किया जाए तो कांग्रेस हरियाणा में सत्ता में वापसी कर सकती है। वहीं, जम्मू-कश्मीर में त्रिशंकु विधानसभा हो सकती है।

5. तकनीकी कारक
एंजेल वन के इक्विटी टेक्निकल एनालिस्ट राजेश भोसाले ने कहा, ‘निफ्टी के 50-ईएमए सपोर्ट पर बंद होने के साथ यह हाल के दिनों में सबसे तेज साप्ताहिक गिरावट में से एक रही है। यह साप्ताहिक चार्ट पर मजबूत बियरिश कैंडल बना रही है, जो आगे और अधिक गिरावट का संकेत देती है। हालांकि, ट्रेडर्स को शॉर्ट पोजीशन के साथ सावधानी बरतनी चाहिए।’

6. RBI की पॉलिसी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 9 अक्टूबर को घोषित होने वाली अपनी आगामी नीति समीक्षा में बेंचमार्क रेपो रेट को यथावत रख सकता है। उम्‍मीद है कि इसे अगस्त 2024 में लगातार नौवीं बैठक में 6.5% पर बनाए रखा जाएगा। विश्लेषकों का कहना है कि अगर तेल की कीमतों में तेजी जारी रहती है तो महंगाई को ध्‍यान में रखकर RBI पॉलिसी रेट में कटौती करने में और देरी कर सकता है।

7. दूसरी तिमाही के नतीजे
सितंबर तिमाही की कमाई का सीजन इस हफ्ते शुरू हो रहा है। इसकी शुरुआत TCS, टाटा एलेक्सी, DMart और IREDA जैसी कंपनियों के साथ होगी। इसका भी बाजार की दिशा को तय करने में हाथ होगा।

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