इंदौर
भोपाल से 40 साल बाद यूनियन कार्बाइड का 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा पीथमपुर पहुंच चुका है। इसे वैज्ञानिक विधि से यहां जलाने की तैयारी चल रही है। इस जहर को जलाने से रोकने के लिए पीथमपुर के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है। शुक्रवार को पूरे शहर में बंद का ऐलान किया गया था। आंदोलनकारियों ने सुबह से ही जमकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। पावर हाउस चौराहे पर भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल कर उन्हें खदेड़ा।
प्रदर्शन में शामिल राजकुमार रघुवंशी ने अपने ऊपर पेट्रोल डाल लिया, तभी किसी ने पीछे से आग लगा दी। पास ही में खड़ा राजू पटेल भी आग की चपेट में आ गया। दोनों को इंदौर में चोइथराम अस्पताल के बर्न यूनिट आईसीयू में भर्ती कराया गया है। इस प्रदर्शन के दौरान धीरे- धीरे भीड़ बढ़ने लगी। प्रदर्शन में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हो गए। पीथमपुर बस स्टैंड पर चल रहे धरना प्रदर्शन के दौरान महिलाएं अपनी चूड़ियां उतारकर इकट्ठा कर रही थीं। पीथमपुर बचाओ समिति के सदस्य इन्हें जनप्रतिनिधियों को भेजेंगे।
सीएम को दी चुनौती
पीथमपुर बचाओ समिति के सदस्य भी दिल्ली से लौटकर प्रदर्शन स्थल पहुंच गए। गुरुवार से अनशन पर बैठे किसान संदीप रघुवंशी ने कहा कि जहरीला कचरा यहां से वापस जाने तक अनशन जारी रहेगा। वहीं दूसरी ओर यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाने वाले एडवोकेट बाबूलाल नागर ने कहा कि प्रदेश के मुखिया ने कल कहा है कि इस कचरे का दुष्प्रभाव नहीं होगा। मैं बोलना चाहता हूं कि मुख्यमंत्री खुले मंच पर इस मामले में बहस कर लें। नागर ने कहा कि हमने हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की है। जिस पर 6 जनवरी को सुनवाई होगी। हम अदालत के सामने इस कचरे के दुष्परिणाम समेत अन्य जानकारी रखेंगे।