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गुजरात पर कुल कितना कर्ज? विधानसभा में पेश हुई कैग की ताजा रिपोर्ट में सामने आया आंकड़ा

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अहमदाबाद

गुजरात राज्य विधानसभा बजट सत्र में शुक्रवार को कई बिलों को सदन से मंजूर मिली। इसमें गुजरात गोवंश संवर्धन (नियमन) विधेयक-2025 और गुजरात जमीन महेसूल (सुधारा) विधायक 2025 प्रमुख रहे। इसके साथ में कैग की रिपोर्ट भी रखी गई। इसमें सामने आया है कि गुजरात सरकार पर कर्ज 14,281 करोड़ बढ़ा है। इसके साथ ही कुल वर्ष 2023-24 के दौरान सरकार का कुल कर्ज 3.85 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया।  राज्य सरकार 3.85 लाख करोड़ रुपये के कर्ज पर 10.98 प्रतिशत ब्याज दे रही है। गुजरात सरकार पर फरवरी 2023 तक कुल कर्ज 3.20 लाख करोड़ रुपये था। तब यह जानकारी राज्य के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई ने सदन को दी थी। तब राज्य में राज्‍य में प्रति व्‍यक्ति कर्ज का भार 51, 1166 रुपये था।

कैग की रिपोर्ट कई बड़े खुलासे
भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में जहां गुजरात पर कुल कर्ज के आंकड़े का जिक्र हुआ तो वहीं तमाम क्षेत्रों की कमजोरियों का खुलासा हुआ। सामने आया है कि राज्य में 16 हजार 45 आंगनबाड़ी केन्द्रों की कमी है। इतना ही सहाय पोषण कार्यक्रम के तहत पंजीकृत 4.63 करोड़ लाभार्थियों में से 14 प्रतिशत को लाभ नहीं मिला। इतना ही नहीं गुजरात मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड दवा की आपूर्ति करने में विफल रहा। जिलों द्वारा मांगी गई 40 से 59 प्रतिशत दवाएं उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। कैग की रिपोर्ट में राज्य के स्वास्थ्य विभाग में 5681 स्टॉफ की कमी का भी जिक्रं किया गया है।

राज्य में है डॉक्टरों की कमी
रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉक्टरों के 10,562 रिक्त पदों में से 2419 डॉक्टरों की कमी है। पैरामेडिकल स्टाफ के कुल 8054 पदों में से 1840 की कमी है। कैग की रिपोर्ट में सरकार का मेडिकल कॉलेजों, नर्सिंग कॉलेजों और स्कूलों में रिक्तियों को भरने का सुझाव दिया गया गया है। इसके साथ ही कहा गया है कि सरकार को स्वास्थ्य क्षेत्र में स्थिति सुधारने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट में 8 प्रतिशत तक की वृद्धि करनी चाहिए। कैग की रिपोर्ट के पेश होने और कई अहम बिलों को स्वीकृति देने के साथ गुजरात विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार को खत्म हो गया। बजट सत्र 19 फरवरी को शुरू हुआ था। 20 फरवरी को राज्य के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई ने सोमवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 205-26 का बजट पेश किया था। ययह बजट कुल 3 लाख 70 हजार 250 करोड़ रुपये का था। इसमें किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए कई प्रमुख घोषणाएं की गई थीं।

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