28.7 C
London
Tuesday, July 1, 2025
Homeअंतराष्ट्रीयतालिबान ने चाबहार बंदरगाह पर दांव लगाकर बदला पाला, पाकिस्तान की बड़ी...

तालिबान ने चाबहार बंदरगाह पर दांव लगाकर बदला पाला, पाकिस्तान की बड़ी हार, भारत की बल्ले-बल्ले

Published on

इस्लामाबाद:

तालिबान ने अपने वैश्विक व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए भारत से दोस्ती कर ली है। यह दोस्ती इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि हाल के दिनों में तालिबान के संबंध पाकिस्तान से काफी खराब हुए हैं। वहीं, भारत और पाकिस्तान के संबंध भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। व्यापार के लिए पाकिस्तानी बंदरगाहों पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से, तालिबान शासन ने ईरान में चाबहार बंदरगाह पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है। इस बंदरगाह का प्रबंधन भारत करता है। इतना ही नहीं, ईरान इस बंदरगाह के जरिए भारत के नेतृत्व वाले अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) में शामिल होने की संभावना तलाश रहा है।

तालिबान की भारत से बढ़ी नजदीकी
हमारे सहयोगी प्रकाशन इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता में लौटने के बाद से चाबहार को चुनौतियों का सामना करना पड़ा। एक समय ऐसा माना जा रहा था कि भारत का चाबहार पर दांव लगाना बेकार चला जाएगा। तालिबान के कामकाज से परिचित व्यक्तियों ने बताया ति जैसे-जैसे तालिबान और पाकिस्तान के बीच मतभेद बढ़े हैं, काबुल ने ईरान और भारत की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। पाकिस्तान और तालिबान अफगान शरणार्थियों के निष्कासन को लेकर भी आमने-सामने हैं।

पाकिस्तान पर निर्भरता कम कर रहा तालिबान
चाबहार से अफगानिस्तान की निकटता विदेश नीति में विविधता लाने और पाकिस्तान पर निर्भरता कम करने के प्रयास का संकेत देती है। चाबहार बंदरगाह ईरान, भारत और अफगानिस्तान के बीच एक महत्वपूर्ण पारगमन मार्ग है। तालिबान के अधिकारी परियोजना में काबुल की भूमिका पर चर्चा करने के लिए तेहरान गए हैं। रूस के शीर्ष थिंक-टैंक वल्दाई क्लब के अनुसार, जो क्रेमलिन के साथ घनिष्ठ संबंध रखता है, तालिबान चाबहार बंदरगाह परियोजना में अपनी भूमिका बढ़ाकर पाकिस्तान से स्वतंत्रता का संदेश देने की कोशिश कर रहा है।

भारत-अफगान विदेश मंत्रियों ने की बात
ईरान भी अपनी क्षेत्रीय स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से अफगानिस्तान को INSTC से जोड़ना चाहता है। भारत और ईरान के एनएसए के बीच रविवार को हुई फोन कॉल के दौरान INSTC का मुद्दा प्रमुखता से उठा। पिछले हफ्ते, विदेश मंत्री एस जयशंकर और कार्यवाहक अफगान विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी के बीच फोन कॉल 1999 के बाद से किसी भारतीय और तालिबान मंत्री के बीच पहली बातचीत थी, जो क्षेत्रीय भूराजनीति में मंथन का संकेत देती है।

भारत-अफगानिस्तान में सुधर रहे संबंध
भारत-अफगानिस्तान संबंधों से परिचित लोगों के अनुसार, भारत और तालिबान के बीच हाल ही में हुई बातचीत की शुरुआत विदेश सचिव विक्रम मिस्री की मुत्तकी से मुलाकात से हुई, जिसके बाद पहलगाम हमलों के बाद विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधिमंडल का काबुल दौरा हुआ और मंत्री स्तर की फोन कॉल भारत और अफगानिस्तान दोनों में पाकिस्तान के हस्तक्षेप के बीच उभरती क्षेत्रीय गतिशीलता का संकेत देती है। इसकी नींव काबुल में भारत के तकनीकी मिशन के उद्घाटन और इजरायल में भारत के वर्तमान दूत तथा पाकिस्तान-अफगानिस्तान-ईरान के पूर्व प्रमुख जेपी सिंह की यात्रा के माध्यम से रखी गई थी।

Latest articles

Fatty Liver Causes: फैटी लीवर से बचना है तो इन चीज़ों से करें परहेज़ हकीम सुलेमान ख़ान के ख़ास नुस्ख़े

Fatty Liver Causes: लिवर की बीमारियों के पीछे सबसे बड़ा कारण हमारी खराब लाइफस्टाइल...

तेलंगाना BJP को बड़ा झटका विधायक टी राजा सिंह ने पार्टी से दिया इस्तीफ़ा, नेतृत्व विवाद की अटकलें तेज़

BJP : तेलंगाना में बीजेपी विधायक टी राजा सिंह ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे...

PMC: पुणे महानगरपालिका में काउंसलर और लैब टेक्नीशियन के पदों पर भर्ती 30 जून से 7 जुलाई तक करें आवेदन

PMC : पुणे महानगरपालिका (PMC) ने 2025 में काउंसलर और लेबोरेटरी टेक्नीशियन के पदों को...

More like this

Adani Green Energy Plant: 15000 मेगावाट ऑपरेशनल क्षमता पार करने वाली भारत की पहली कंपनी बनी

Adani Green Energy Plant: भारत की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी अदानी ग्रीन एनर्जी...

Trump Terminates Trade With Canada: सभी व्यापारिक संबंध तुरंत ख़त्म डिजिटल सर्विस टैक्स बना वजह

Trump Terminates Trade With Canada: सभी व्यापारिक संबंध तुरंत ख़त्म डिजिटल सर्विस टैक्स बना...

इज़राइल-ईरान युद्ध ख़त्म ट्रंप की चेतावनी परमाणु हथियार बनाए तो अंजाम होगा बुरा

इज़राइल-ईरान युद्ध ख़त्म ट्रंप की चेतावनी परमाणु हथियार बनाए तो अंजाम होगा बुरा,पिछले 12...