18.5 C
London
Wednesday, July 2, 2025
Homeअंतराष्ट्रीयये भारत के साथ भी हो सकता है… 'दोस्त' पाकिस्तान के लिए...

ये भारत के साथ भी हो सकता है… ‘दोस्त’ पाकिस्तान के लिए धमकी पर उतरा चीन, ब्रह्मपुत्र नदी पर दिया बड़ा बयान

Published on

बीजिंग:

भारत और पाकिस्तान के बीच जल बंटवारे को लेकर बनी तनावपूर्ण स्थिति के बीच चीन की ओर से बड़ा बयान आया है। बीजिंग स्थित सेंटर फॉर चाइना एंड ग्लोबलाइजेशन के उपाध्यक्ष विक्टर झिकाई गाओ ने ब्रह्मपुत्र नदी में भारत आने वाला पानी रोकने के संकेत दिए हैं। विक्टर ने भारत को सिंधु जल समझौते पर भारत के रुख को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा है कि आप दूसरों के साथ वैसा बर्ताव ना करें, जो अपने साथ नहीं चाहते हैं। गाओ ने स्पष्ट इशारा किया कि उसके दोस्त पाकिस्तान का पानी बंद हुआ तो फिर चीन भी भारत के पानी को रोक सकता है।

विक्टर गाओ ने एक इंटरव्यू में ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन की रणनीतिक पकड़ पर जोर दिया, जो भारत की जल सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को निलंबित करने का फैसला लिया है। इसी पर गाओ ने कहा है कि जैसे भारत से बहकर नदियां पाकिस्तान जाती हैं, उसी तरह उसके क्षेत्र से नदियां भारत आती हैं।

पाकिस्तान के लिए भारत का पानी रोकेगा चीन!
गाओ ने ये संकेत दिया है कि चीन अपने ‘सदाबहार दोस्त’ पाकिस्तान के समर्थन में ब्रह्मपुत्र के पानी को हथियार बना सकता है। उन्होंने भारत को एक मध्यवर्ती राष्ट्र के रूप में रेखांकित करते हुए कहा कि अगर दिल्ली के खिलाफ भी उसी तरह के जवाबी उपाय हो जाते हैं तो फिर उसे कई तरह की भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

विक्टर गाओ का बयान भारत के लिए चिंता पैदा कर सकता है। चीन ने ब्रह्मपुत्र जैसी नदियों पर जल विज्ञान संबंधी डेटा भारत से साथ साझा करना बंद कर दिया है और कई अहम बांध बनाकर पानी रोकने की क्षमता हासिल कर ली है। ब्रह्मपुत्र पर चीन की पकड़ से भारत को पूर्वोत्तर में बढ़ी हुई आर्थिक और रणनीतिक जोखिमों का सामना करना पड़ता है।

चीन इस मामले में कैसे मजबूत
चीन ने इसी साल जनवरी में भारतीय सीमा के पास ब्रह्मपुत्र पर दुनिया का सबसे बड़ा जलविद्युत बांध बनाने की योजना का खुलासा किया है। चीन का दावा है कि इस परियोजना से डाउनस्ट्रीम देशों को नुकसान नहीं होगा लेकिन भारत के पूर्वोत्तर में इससे भूराजनीतिक चिंताएं बढ़ी हैं। रणनीतिक तौर पर ये बांध चीन के लिए अहम है। इससे उसे भारत के क्षेत्रीय प्रभाव को घटाने का मौका मिलेगा।

ब्रह्मपुत्र नदी को तिब्बत में यारलुंग त्सांगपो के नाम से जाना जाता है। यह कैलाश पर्वत के पास से शुरू होने के बाद चीन, भारत और बांग्लादेश से गुजरते हुए बंगाल की खाड़ी में गिरती है। भारत के बड़े क्षेत्र में सिंचाई और दूसरे कामों के लिहाज से ये नदी महत्वपूर्ण है। एक्सपर्ट का कहना है कि चीन की ओर से दी जा रही धमकियों को भारत हल्के में लेते हुए नजरअंदाज नहीं कर सकता है।

Latest articles

बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल बने भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष

भोपालबैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल बने भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष,बैतूल विधायक हेमंत विजय खंडेलवाल...

भेल में प्रशासनिक फेरबदल 

भेलभेल भोपाल यूनिट में प्रशासनिक फेरबदल किया गया है l विभागों में फेरबदल...

Fatty Liver Causes: फैटी लीवर से बचना है तो इन चीज़ों से करें परहेज़ हकीम सुलेमान ख़ान के ख़ास नुस्ख़े

Fatty Liver Causes: लिवर की बीमारियों के पीछे सबसे बड़ा कारण हमारी खराब लाइफस्टाइल...

More like this

Adani Green Energy Plant: 15000 मेगावाट ऑपरेशनल क्षमता पार करने वाली भारत की पहली कंपनी बनी

Adani Green Energy Plant: भारत की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी अदानी ग्रीन एनर्जी...

Trump Terminates Trade With Canada: सभी व्यापारिक संबंध तुरंत ख़त्म डिजिटल सर्विस टैक्स बना वजह

Trump Terminates Trade With Canada: सभी व्यापारिक संबंध तुरंत ख़त्म डिजिटल सर्विस टैक्स बना...

इज़राइल-ईरान युद्ध ख़त्म ट्रंप की चेतावनी परमाणु हथियार बनाए तो अंजाम होगा बुरा

इज़राइल-ईरान युद्ध ख़त्म ट्रंप की चेतावनी परमाणु हथियार बनाए तो अंजाम होगा बुरा,पिछले 12...