Israel Iran War: इजरायल का समर्थन करते हुए अमेरिका ने ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर हमला कर दिया है. फोर्डो परमाणु स्थल पर GBU-57 बंकर बस्टर बम गिराए गए, जबकि नतांज और इस्फ़हान पर टॉमहॉक मिसाइलों से हमला किया गया. अमेरिकी हमले से enraged (भड़के हुए) ईरान ने इजरायल पर हमलों की झड़ी लगा दी है.1 ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई और विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने इन हमलों को अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के विरुद्ध हिंसक कार्रवाई बताया और इसके परिणामों का सामना करने की चेतावनी दी है.
ईरान के पास जवाबी हमले के 5 विकल्प
हालांकि ईरान ने अभी तक अमेरिकी हमलों का जवाब देने की बात खुलकर नहीं कही है, लेकिन उसके पास जवाबी कार्रवाई के 5 संभावित विकल्प हैं:
- अमेरिकी ठिकानों पर सीधा हमला: ईरान, मध्य पूर्व में मौजूद अमेरिकी सैन्य अड्डों को सीधे निशाना बना सकता है, जिससे एक बड़े संघर्ष की आशंका बढ़ जाएगी.
- होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करना: होर्मुज जलडमरूमध्य दुनिया का एक महत्वपूर्ण तेल मार्ग है, जिससे वैश्विक तेल का एक बड़ा हिस्सा गुजरता है. इसे बंद करने से अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में भारी उथल-पुथल मच सकती है.
- क्षेत्रीय सशस्त्र बलों के माध्यम से हमले: ईरान अपने क्षेत्रीय प्रॉक्सी समूहों जैसे हिजबुल्लाह और हमास के माध्यम से इजरायल या अमेरिकी हितों पर हमले करवा सकता है.
- साइबर हमले: ईरान एक मजबूत साइबर इकाई रखता है और अमेरिकी बुनियादी ढांचे, वित्तीय प्रणालियों या महत्वपूर्ण ठिकानों पर साइबर हमले कर सकता है, जिससे बड़ा नुकसान हो सकता है.2
- कूटनीति के माध्यम से रणनीतिक संयम: ईरान मौजूदा तनाव को बढ़ाने के बजाय कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से समाधान खोजने का विकल्प चुन सकता है, हालांकि मौजूदा माहौल में इसकी संभावना कम दिख रही है.
UNSC में गरमागरम बहस: रूस-चीन का कड़ा रुख
अमेरिकी हमले के बाद ईरान की मांग पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आपात बैठक बुलाई गई थी. बैठक में IAEA के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने ईरान की स्थिति और परमाणु ठिकानों को हुए नुकसान की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि फोर्डो और नतांज जैसे महत्वपूर्ण स्थलों पर हमला हुआ है.
रूस और चीन ने अमेरिका के हमले की कड़ी निंदा की. रूसी राजदूत वासिली नेबेंजिया ने अमेरिकी कार्रवाई को ‘पैंडोरा बॉक्स’ खोलने जैसा बताया और इसे 2003 के इराक युद्ध से जोड़ा, जहां अमेरिका ने झूठे बहाने से हमला किया था. चीनी राजदूत फू कांग ने भी स्थिति पर चिंता व्यक्त की और तत्काल युद्धविराम की मांग की. उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व में स्थिति अच्छी नहीं है और ईरान-इजरायल युद्ध को बढ़ने से रोका जाना चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव की चिंता
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने मध्य पूर्व की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की और अमेरिकी हमले को “खतरनाक मोड़” बताया. उन्होंने सभी सदस्य देशों से कूटनीति के माध्यम से विवाद को सुलझाने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि रूस, चीन और पाकिस्तान द्वारा प्रस्तावित युद्धविराम मसौदे पर अगले सप्ताह की शुरुआत में मतदान होगा, हालांकि अमेरिका इसे वीटो कर सकता है.
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ईरान का पलटवार: इजरायल पर दागी मिसाइलें
अमेरिकी हमले के बाद ईरान ने इजरायल पर मिसाइलों की झड़ी लगा दी है.3 खबरों के मुताबिक, ईरान ने 40 मिसाइलों से इजरायल के तेल अवीव, हाइफा और यरूशलम में जबरदस्त तबाही मचाई है. तेल अवीव में कई इमारतें तबाह हो गई हैं. हालांकि, इस हमले में किसी के मारे जाने की जानकारी नहीं है, लेकिन कई लोग घायल हुए हैं. ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा है कि अब कूटनीति का कोई मतलब नहीं है और अमेरिकी हमलों के बाद कोई “लक्ष्मण रेखा” नहीं बची है जिसे अमेरिका ने पार न किया हो.
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