CRICKET MUSEUM INDORE: जिन क्रिकेट प्रेमियों के खून में क्रिकेट दौड़ता है या जो क्रिकेट के लिए जीते हैं, उनके लिए मध्य प्रदेश का पहला क्रिकेट म्यूज़ियम किसी सौगात से कम नहीं है. यह म्यूज़ियम अब देश और दुनिया में हुए क्रिकेट मैचों की तमाम यादों, क्रिकेट खिलाड़ियों से लेकर क्रिकेट प्रेमियों तक को सहेजने का केंद्र होगा. इस म्यूज़ियम का उद्घाटन इंदौर के उषा राजे क्रिकेट स्टेडियम में पूर्व मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर की मौजूदगी में किया गया.
18वीं सदी से अब तक के क्रिकेट इतिहास की हर घटना सहेजी गई
देश-विदेश में बेहद लोकप्रिय क्रिकेट अब क्रिकेट की यादों और विभिन्न मैचों में इस्तेमाल हुए खेल उपकरणों के ज़रिए अपना इतिहास भी बयान करेगा. ऐसा ही एक क्रिकेट म्यूज़ियम अब इंदौर के उषा राजे क्रिकेट स्टेडियम कैंपस में देखने को मिलेगा. यहाँ 18वीं सदी से लेकर अब तक के क्रिकेट इतिहास की सभी घटनाओं और खेल में इस्तेमाल किए गए 300 से ज़्यादा दुर्लभ खेल उपकरणों को सहेज कर रखा गया है.
यह म्यूज़ियम मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन और ब्लेड्स ऑफ ग्लोरी क्रिकेट म्यूज़ियम (Blades of Glory Cricket Museum) ने मिलकर तैयार किया है. इसमें दुनिया भर के महान क्रिकेटरों द्वारा इस्तेमाल किए गए क्रिकेट उपकरण मौजूद हैं. भारतीय टीम के लिए खेलने वाले खिलाड़ियों से लेकर सभी उभरते खिलाड़ियों तक, यह म्यूज़ियम देश के क्रिकेट इतिहास से परिचित होने और प्रेरणा लेने का मौका देगा.
सर डॉन ब्रैडमैन और सचिन के बल्ले भी मौजूद
इस भव्य म्यूज़ियम में क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सर डॉन ब्रैडमैन और सचिन तेंदुलकर के क्रिकेट बैट मौजूद हैं, जिनसे उन्होंने कई रिकॉर्ड बनाए हैं. विराट कोहली की वो शर्ट भी है जिसमें उन्होंने इंदौर में खेलते हुए 211 रन बनाए थे. क्रिकेटर शेन वॉर्न की शर्ट भी यहाँ मौजूद है. इसी तरह, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और कुंबले द्वारा विभिन्न रिकॉर्ड बनाते समय इस्तेमाल किए गए उपकरण मौजूद हैं.
इसके अलावा, दुनिया भर के तेज़ गेंदबाजों द्वारा इस्तेमाल की गई क्रिकेट गेंदें भी मौजूद हैं, जिन पर उनके ऑटोग्राफ हैं. इतना ही नहीं, म्यूज़ियम में 1975 से 2023 तक क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने वाली टीमों का एक विशेष सेक्शन भी बनाया गया है, जो अपने आप में अनोखा है. 1800 के दशक में क्रिकेटर क्रिकेट खेलते समय क्या पहनते थे, उनके बल्ले और बाल कैसे होते थे, यह सब कुछ म्यूज़ियम में मौजूद है.
कपिल देव का मैंगूस बैट भी आकर्षण का केंद्र
इसके अलावा कपिल देव द्वारा इस्तेमाल किया गया मैंगूस बैट और दुनिया भर के क्रिकेटरों को मिले तोहफे भी म्यूज़ियम के आकर्षण का केंद्र हैं. यहाँ वर्ल्ड कप से लेकर अब तक भारतीय टीम के सभी बेहतर प्रदर्शनों में इस्तेमाल की गई सामग्री खिलाड़ियों के ऑटोग्राफ के साथ मौजूद है. देश में महिला क्रिकेट की तस्वीरों के अलावा, क्रिकेट पर लिखी सभी किताबें और दुर्लभ तस्वीरें भी म्यूज़ियम का विशेष आकर्षण हैं.
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ऐसे आया म्यूज़ियम अस्तित्व में 15 साल की सामग्री का संग्रह
दरअसल, अलग-अलग देशों में क्रिकेट मैचों के बाद, खिलाड़ियों द्वारा मैचों में इस्तेमाल किए गए क्रिकेट बैट, गेंद, जर्सी या हेलमेट या तो खिलाड़ियों के पास रहते हैं या आयोजन टीमों और क्रिकेट संघों के पास. अब तक, ये सामग्री खिलाड़ियों या क्रिकेट टीमों की निजी सामग्री होती थी. पिछले 15 सालों से इन सामग्रियों को इकट्ठा कर क्रिकेट म्यूज़ियम में रखा गया है.
पुणे के क्रिकेट प्रेमी और ब्लेड्स ऑफ ग्लोरी संगठन के प्रमुख रोहन पाटे कहते हैं, “आने वाली पीढ़ी को क्रिकेट से रूबरू कराने के लिए मैंने पिछले 15 सालों में देश और दुनिया के सभी क्रिकेट खिलाड़ियों से करीब 75 हज़ार क्रिकेट सामग्री इकट्ठा की है. पुणे के बाद, मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सहयोग से इंदौर में एक म्यूज़ियम तैयार किया गया है.
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इस दौरान क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर ने कहा, “मैंने म्यूज़ियम को वह हेलमेट दान किया है जिसे मैंने 1983 और 1985 के बीच खेले गए क्रिकेट मैचों में इस्तेमाल किया था और जिसमें मैंने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया था. इसी हेलमेट से मैंने शारजाह में पाकिस्तान के खिलाफ मैच में कई गेंदों से अपना बचाव किया था, जो क्रिकेट प्रेमियों के लिए उन मैचों की यादें ताज़ा करता है.”