PM MODI MANN KI BAAT: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 124वें संस्करण के माध्यम से देशवासियों को संबोधित किया. इस अवसर पर, प्रधानमंत्री ने पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण, देश की हालिया उपलब्धियों सहित कई विषयों पर चर्चा की. यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री और नागरिकों के बीच सीधे संवाद के एक महत्वपूर्ण माध्यम के रूप में कार्य करता है.
देश की उपलब्धियों और सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश
पीएम मोदी ने कहा, “हम सफलताओं और उपलब्धियों की बात करेंगे. पिछले कुछ हफ्तों में विज्ञान और संस्कृति के क्षेत्र में बहुत कुछ हुआ है. अंतरिक्ष यात्री शुभ्रांशु शुक्ला अंतरिक्ष से लौटे. जब चंद्रयान 3 सफल हुआ तो देश में उत्साह था, लोगों को इस पर गर्व है. अंतरिक्ष स्टार्टअप बढ़ रहे हैं.”
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “1908 में बिहार के मुजफ्फरपुर में एक युवक को फांसी दी जानी थी. वह डरा नहीं था, आत्मविश्वास उसके चेहरे पर साफ दिख रहा था. वह खुदीराम बोस थे, जिन्होंने 18 साल की उम्र में पूरे देश को झकझोर दिया था. हमें ऐसे कई बलिदानों के बाद आजादी मिली. अगस्त का महीना क्रांति का महीना है. 15 अगस्त को हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हैं.”
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत ओलंपिक्स और ओलंपियाड की ओर बढ़ रहा है. UNESCO ने महाराष्ट्र के 12 किलों को मान्यता दी है. ये इतिहास के गवाह हैं. मैं कुछ समय पहले रायगढ़ गया था, वह अनुभव मेरे साथ रहेगा. ये किले हमारे आत्म-सम्मान को दर्शाते हैं. देश भर में ऐसे कई किले हैं. मैं लोगों से इन किलों का दौरा करने का आग्रह करता हूं.”
ज्ञान भारतम मिशन प्राचीन ज्ञान का डिजिटलीकरण
पीएम मोदी ने कहा, “भारत सरकार ने इस साल के बजट में एक ऐतिहासिक पहल की घोषणा की है. ‘ज्ञान भारतम मिशन’. इस मिशन के तहत, प्राचीन पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण किया जाएगा. फिर एक राष्ट्रीय डिजिटल रिपॉजिटरी बनाई जाएगी, जहां दुनिया भर के छात्र और शोधकर्ता भारत की ज्ञान परंपरा से जुड़ सकेंगे. मैं आप सभी से भी आग्रह करता हूं कि यदि आप किसी ऐसे प्रयास से जुड़े हैं, या जुड़ना चाहते हैं, तो MyGov या संस्कृति मंत्रालय से अवश्य संपर्क करें. ये सिर्फ पांडुलिपियां नहीं हैं, ये भारत की आत्मा के अध्याय हैं, जिन्हें हमें आने वाली पीढ़ियों को सिखाना है.
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मन की बात की भूमिका और महत्व
यह कार्यक्रम अक्टूबर 2014 में शुरू हुआ था. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी समाज, नवाचार और राष्ट्र निर्माण से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हैं. पिछले कुछ सालों में, ‘मन की बात’ जमीनी स्तर पर प्रेरणादायक प्रयासों को उजागर करने और विभिन्न विकासात्मक और सामाजिक कार्यों में नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए एक मंच के रूप में उभरा है. इस कार्यक्रम ने स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, डिजिटल शिक्षा, महिला सशक्तिकरण जैसे प्रमुख विषयों पर जागरूकता बढ़ाने में जबरदस्त मदद की है.
इसके साथ ही, इसने अक्सर नागरिक भागीदारी से प्रेरित जन आंदोलनों को जन्म दिया है. यह कार्यक्रम देश और विदेश में बड़े पैमाने पर सुना जाता है. इस बीच, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा नई दिल्ली में एक विशेष सभा में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ ‘मन की बात’ सुनेंगे. भाजपा ने जमीनी स्तर पर सामूहिक रूप से ‘मन की बात’ सुनने की प्रथा को संस्थागत रूप दिया है, इसे एक नियमित संगठनात्मक गतिविधि में बदल दिया है जो पार्टी कार्यकर्ताओं और प्रधानमंत्री के संदेश के बीच सीधा जुड़ाव को बढ़ावा देती है. यह परंपरा लगातार कई सालों से निभाई जा रही है और यह एक जनसंपर्क पहल और कार्यकर्ताओं को एक-दूसरे से जुड़ने का मंच बन गई है.