दिल्ली।
बुधवार को दिल्ली में एआईसीसी मुख्यालय में मध्य प्रदेश और राजस्थान में जहरीले कफ सिरप से मासूमों की मौत के मामलों पर संयुक्त प्रेस वार्ता में मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मध्यप्रदेश में आधे महीने के भीतर 16 मासूम बच्चों की मौतों पर सरकार पर गंभीर लापरवाही, जवाबदेही की अनदेखी और प्रदत्त मुआवज़े को पर्याप्त न मानते हुए तीखा प्रहार किया। प्रेस वार्ता में राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली एवं विधायक सोहनलाल वाल्मीकि मौजूद रहे। दिल्ली में श्री सिंघार ने जहरीली कफ सिरप, सरकारी जांच की देरी, और मुख्यमंत्री की संवेदनहीनता पर उन्होंने तत्काल कार्रवाई की मांग की।
नेताद्वय ने प्रमुख तथ्य और बिंदु प्रस्तुत करते हुए कहा कि 04 सितंबर से 06 अक्टूबर 2025 तक 16 मासूम बच्चों की मौत। 14 मौतें छिंदवाड़ा में, 2 बैतूल में, 7 अन्य बच्चे नागपुर के अस्पतालों में जिंदगी और मौत के बीच हैं और सबसे ज्यादा प्रभावित आयु वर्ग
3 से 5 वर्ष के बच्चे प्रमुख रूप से हैं जो सबसे संवेदनशील आयु समूह है। उन्होंने मुख्यमंत्री की उदासीनता को लेकर कहा कि राष्ट्रीय सुर्खियों में आने तक मुख्यमंत्री पीड़ित परिवारों से नहीं मिले। 4 लाख का मुआवज़ा मिला, पर इससे मौतों के लिए जिम्मेदारी पूरी नहीं होगी।
यह भी पढ़िए: बुलडोजर एक्शन का मतलब कानून तोड़ना नहीं: सीजेआई
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने मासूम बच्चों की जानों पर लापरवाही करके उन्हें कब्रिस्तान बना दिया है। यह संवेदनहीनता तभी सुधरेगी जब सरकार दोषियों को सजा दे, जहरीली दवाओं की बिक्री बंद करे, प्रभावित परिवारों को उचित मुआवज़ा दे, और बच्चों की सुरक्षा व पोषण पर गंभीरता से काम करे। उग्र विपक्षी आवाज़ इस त्रासदी में पीड़ितों के अधिकारों की लड़ाई लड़ता रहेगा।