गुर्दे यानी किडनी हमारे शरीर के सबसे अहम अंगों में से एक हैं. ये खून को साफ करते हैं, शरीर में तरल पदार्थों का संतुलन बनाए रखते हैं और अपशिष्ट पदार्थों को पेशाब के ज़रिए बाहर निकालते हैं. लेकिन जब किडनी पर जरूरत से ज्यादा दबाव पड़ता है, तो ये खराब होने लगती हैं. गुर्दे की क्षति कभी-कभी स्थायी और जानलेवा भी हो सकती है. इसलिए यह जानना बहुत ज़रूरी है कि आपकी किडनी स्वस्थ है या उस पर ज्यादा ‘लोड’ (Excessive Stress) पड़ रहा है.
मेटाबोलिक डॉक्टर और स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. सुधांशु राय ने किडनी पर पड़ रहे तनाव के 10 शुरुआती लक्षण बताए हैं. इन संकेतों को पहचानना बहुत ज़रूरी है ताकि समय रहते सही इलाज किया जा सके.
1. थकावट और कमजोरी (लगातार थकान महसूस होना)
अगर आपको अक्सर और बिना वजह थकान महसूस होती है, तो यह किडनी की समस्या का एक शुरुआती संकेत हो सकता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गुर्दे शरीर से विषैले पदार्थों को ठीक से बाहर नहीं निकाल पाते हैं, जिससे शरीर में ऊर्जा का स्तर (Energy Levels) कम होने लगता है.
2. पैरों और आँखों में सूजन (तरल पदार्थ का जमाव)
जब गुर्दे ठीक से काम करना बंद कर देते हैं, तो शरीर के ऊतकों (Tissues) में तरल पदार्थ (Fluid) जमा होने लगता है. इस वजह से सबसे पहले पैरों और आँखों के आसपास सूजन दिखाई देने लगती है. इसे ‘एडिमा’ भी कहा जाता है.
3. झागदार पेशाब (पेशाब में प्रोटीन का रिसाव)
अगर आपके पेशाब में ज्यादा झाग (Foamy Urine) दिखाई दे रहा है, तो यह खतरे की घंटी है. यह तब होता है जब किडनी ठीक से काम नहीं कर पाती है और प्रोटीन पेशाब के रास्ते बाहर निकलने लगता है. झाग आना पेशाब में प्रोटीन लीकेज (Protein Leakage) का संकेत है.
4. बार-बार पेशाब आना (रात में खास तौर पर)
अगर आपको रात के समय बार-बार पेशाब (Frequent Urination) जाने की ज़रूरत पड़ती है, तो यह भी किडनी के तनाव का लक्षण हो सकता है. गुर्दे पेशाब को संतुलित नहीं कर पाते हैं, जिससे बार-बार बाथरूम जाना पड़ता है.
5. त्वचा पर खुजली और सूखापन (अपशिष्ट पदार्थों का जमाव)
जब शरीर में खनिज और अपशिष्ट पदार्थों (Waste Products) का संतुलन बिगड़ जाता है, तो इसका असर त्वचा पर दिखाई देता है. इससे त्वचा में जलन, सूखापन और लगातार खुजली होने लगती है.
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अन्य महत्वपूर्ण लक्षण
- भूख न लगना या खाने में अजीब स्वाद: शरीर में गंदगी जमा होने से पाचन तंत्र प्रभावित होता है, जिससे भूख कम लगती है या खाने का स्वाद धातु जैसा (Metallic Taste) लगने लगता है.
- मतली और उल्टी: शरीर में विषाक्त पदार्थों (Toxins) के जमाव से पेट में गड़बड़ी होती है, जो जी मिचलाने (Nausea) और उल्टी का कारण बन सकती है.
- सांस फूलना: फेफड़ों में अतिरिक्त तरल पदार्थ जमा होने से सांस लेने में तकलीफ (Shortness of Breath) और सांस फूलने की समस्या हो सकती है.
- उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure): किडनी पर ज्यादा दबाव पड़ने से ब्लड प्रेशर की समस्या और भी खराब हो जाती है.
डॉक्टरों के अनुसार, किडनी चुपचाप अपना काम करती रहती है, लेकिन जब उन पर दबाव बढ़ता है तो शरीर ये चेतावनी वाले संकेत दिखाने लगता है. इसलिए, इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें. स्वस्थ खाएं, खूब पानी पिएं और नियमित रूप से अपनी जांच कराएं.

