Pancreatic Cancer Causes: गुर्दे के पास छोटी आँत (Small Intestine) के नज़दीक स्थित पैंक्रियास (Pancreas) हमारे शरीर का एक ज़रूरी अंग है. यह खाना पचाने में मदद करता है और इंसुलिन (Insulin) भी बनाता है, जो रक्त शर्करा (Blood Sugar) को कोशिकाओं तक पहुँचाता है. इसी पैंक्रियास में होने वाले कैंसर को पैंक्रियाटिक कैंसर (Pancreatic Cancer) कहते हैं.
कंसल्टेंट सर्जिकल गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट और गैस्ट्रोकैंसर सर्जन डॉ. मुस्तफा हुसैन रज़वी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो में इसके शुरुआती लक्षणों और कारणों के बारे में जानकारी दी है.
1. पैंक्रियाटिक कैंसर होने के मुख्य कारण क्या हैं?
डॉक्टर के अनुसार, पैंक्रियाटिक कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले मुख्य कारक (Risk Factors) ये हैं:
- धूम्रपान (Smoking): तम्बाकू या सिगरेट का सेवन करना.
- मोटापा (Obesity): शरीर का वजन ज़्यादा होना.
- शारीरिक निष्क्रियता (Physically Inactive): एक्टिव न रहना या कोई शारीरिक गतिविधि न करना.
- पारिवारिक इतिहास (Family History): परिवार में किसी को पहले पैंक्रियाटिक कैंसर होने से भी इसका खतरा बढ़ जाता है.
2. शुरुआती स्टेज में क्यों नहीं दिखते ज्यादा लक्षण?
डॉक्टर ने समझाया कि पैंक्रियाटिक कैंसर के शुरुआती चरणों में आमतौर पर अधिक लक्षण नहीं दिखते हैं. इसी वजह से यह अक्सर देरी से पकड़ में आता है.
- शुरुआत में पेट के आसपास हल्का दर्द या पाचन संबंधी छोटी-मोटी समस्याएँ हो सकती हैं.
- इसलिए इन हल्के संकेतों को भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए.
3. पैंक्रियाटिक कैंसर के 3 सबसे आम शुरुआती लक्षण
अगर आपको ये तीन लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें:
- अचानक भूख कम होना (Loss of Appetite): बिना किसी स्पष्ट कारण के भूख में कमी आना.
- अचानक वजन घटना (Sudden Weight Loss): तेज़ी से और अनजाने में वज़न कम हो जाना.
- अनियंत्रित शुगर: जिन लोगों को पहले से मधुमेह (Diabetes) है, उनका शुगर लेवल अचानक अनियंत्रित हो जाना. या फिर 50-60 साल की उम्र के बाद अचानक मधुमेह के लक्षण दिखना.
4. पैंक्रियाटिक कैंसर का निदान और इलाज
यदि डॉक्टर को इन लक्षणों के आधार पर संदेह होता है, तो वे निम्नलिखित तरीके से जाँच और उपचार करते हैं:
- जाँच (Diagnosis): सबसे पहले सीटी स्कैन (CT Scan) किया जाता है, जिससे पैंक्रियास में किसी गांठ या कैंसर का पता चलता है. इसके बाद बायोप्सी (Biopsy) ली जाती है.
- शुरुआती स्टेज का इलाज: अगर कैंसर जल्दी पकड़ में आ जाए, तो इसे सर्जरी के माध्यम से हटा दिया जाता है. कुछ मामलों में, पहले कीमोथेरेपी से कैंसर का आकार छोटा करके फिर सर्जरी की जाती है.
- देर से पता चलने पर: अगर कैंसर देर से पता चलता है, तो सर्जरी के परिणाम अच्छे नहीं होते हैं, क्योंकि कैंसर अक्सर अन्य हिस्सों में फैल चुका होता है.
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5. उपचार के बाद तेजी से ठीक होना
डॉक्टर बताते हैं कि यदि उपचार की सही योजना बनाई जाए और सर्जरी के बाद कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी दी जाए, तो मरीज़ जल्दी ठीक हो सकते हैं. गंभीर मामलों में, पैंक्रियास के कैंसर वाले हिस्से या जहाँ तक कैंसर फैला है (जैसे आँत के पास का हिस्सा), उसे सर्जरी से हटा दिया जाता है.
