भेल भोपाल।
असत्य पर सत्य की विजय का महापर्व दशहरा गुरुवार को राजधानी में धूमधाम और एक नई पहल के साथ मनाया गया। भेल जम्बूरी मैदान पर भोजपाल मेला समिति द्वारा आयोजित राजधानी के सबसे बड़े भोजपाल दशहरा महोत्सव’ में रात 111 फीट ऊंचे रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के विशाल पुतलों का दहन किया गया। इस बार महोत्सव का मुख्य आकर्षण पर्यावरण-हितैषी पहल रही। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पारंपरिक पटाखों की जगह आधे घंटे का रंगारंग डिजिटल आतिशबाजी शो आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर, देश की सुप्रसिद्ध भजन गायिका आशा वैष्णव की सुमधुर भजनों और गीतों की प्रस्तुति के साथ हुई। भोजपाल मेला समिति का यह आयोजन भोपाल की सांस्कृतिक विरासत को एक नया आयाम दे रहा है।
प्रदूषण रहित होती है डिजिटल आतिशबाजी
डिजिटल आतिशबाजी पारंपरिक पटाखों से कई मायनों में अलग और बेहतर है। डिजिटल आतिशबाजी एलईडी लाइट्स (रोशनी), लेजर और ध्वनि प्रणाली का उपयोग करती है। यह रोशनी के आकर्षक पैटर्न और ध्वनियों को उत्पन्न करती है, जो पर्यावरण के लिए सुरक्षित होते हैं। यह प्रदूषण रहित होती है, क्योंकि इससे धुआं, हानिकारक गैसें या कचरा नहीं निकलता, जो पारंपरिक पटाखों का एक बड़ा नुकसान है।
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इसमें आवाज का प्रदूषण बहुत कम होता है या सिर्फ स्पीकर द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जिससे शोर से होने वाली परेशानी और नुकसान कम होते हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ शाम 7 बजे दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।शाम 7.30 बजे से देश की सुप्रसिद्ध भजन गायिका आशा वैष्णव द्वारा सुमधुर भजनों और गीतों की प्रस्तुति दी। रात 11.30 बजे 111 फीट ऊंचे रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले का दहन किया गया।