-भेल के कैंटीन में क्वालिटी को लेकर उठ रहें हैं सवाल
-कोरोना काल के बाद भेल प्रशासन ने कर दीया अनुदान बंद
भोपाल
भेल जैसी महारत्न कंपनी कैंटीन में खाना परोसने को लेकर कई सवाल उठ खड़े हुये हैं । नेता अपनी नौटंकी के चलते भोजन को लेकर प्रबंधन से भिड़ रहे हैं तो प्रबंधन जवाब देते-देते थक गया है । दरअसल कोरोना काल के बाद भेल प्रबंधन ने कर्मचारियों को मिलने वाले अनुदान को पूरी तरह बंद कर दिया है । इसके चलते भोजन की कीमत प्रबंधन ने 22 रूपये थाली कर दी है । इस भोजन से कर्मचारी संतुष्ट नहीं हैं उनकी माने तो भले ही थाली की कीमत 30 रूपये से भी ज्यादा करे दें लेकिन उसकी गुणवत्ता तो बेहतर कर दें इससे कर्मचारियों में संतुष्टि तो रहेगी ।
सूत्रों की माने तो भेल के कैंटीन में एक सोसायटी द्वारा नामी कंपनी का राशन सप्लाई किया जाता था । अब राशन नामी कंपनी का न होकर किसी भी जनरल कंपनी का भेजा जा रहा है इसको लेकर गुणवत्ता पर कई सवाल उठ रहे हैं लेकिन इस सब पर भेल प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है । यही कारण है कि यूनियन के नेता अपनी नेतागिरी चमकाने प्रबंधन पर बेहतर क्वालिटी का खाना परोसने दबाव बना रहे हैं । यह बता देना भी जरूरी है कि कैंटीन को अनुदान न मिलने के कारण यह सब परेशानियां उठानी पड़ रही है । फिलहाल 22 रूपये में 4 रोटी एक कटोरी दाल चावल और सब्जी के साथ सलाद परोसा जा रहा है ।
कर्मचारियों की माने तो भले ही एक थाली की कीमत 35 रूपये हो लेकिन खाने की गुणवत्ता बेहतर हो । प्रतिनिधि यूनियन के चुनाव होने के बाद कैंटीन कमेटी का गठन होना बाकी है । प्रबंधन इसी का इंतजार कर रहा है । रही बात थ्रिफ्ट सोसायटी की तो प्रबंधन जिस तरह की सप्लाई मांग रहा है जारी है । भेल प्रवक्ता का कहना है कि कैंटीन में बेहतर खाना परोसा जा रहा है कैंटीन कमेटी का गठन होने के बाद बैठक में फैसला लिया जायेगा कि इसमें और क्या सुधार किया जा सकता है ।
इनका कहना है कि गेंहू की सप्लाई गुणवत्तापूर्ण नहीं है इससे कर्मचारियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है । इस संबंध में हमारी यूनियन के पदाधिकारियों ने कैंटीन का निरीक्षण भी किया था । प्रबंधन इसमें बदलाव करें ।
मो.शाहिद कोषाध्यक्ष,सीटू-भेक्टू यूनियन