ग्वालियर
जितेंद्र गोस्वामी पिछले 6 सालों से लगातार पीएम आवास के लिए सरकारी दफ्तरों में आवेदन दे रहा था, लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी। वह जहां भी नई जगह जाता पुरानी शिकायतों को अपने साथ लेकर जाता था। मंगलवार को भी वह जनसुनवाई में पुरानी शिकायतें लेकर पहुंचा तो हड़कंप मच गया।
दरअसल, जितेंद्र ने इतनी शिकायतें और आवेदन किया था कि कागजों से एक बोरा भर गया था। वही बोरा लेकर वह ग्वालियर कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंच गया। उसे देख कर वहां पर मौजूद सभी अधिकारी हैरान रह गए। पहले तो जब वह बोरा लेकर ऑफिस में एंट्री किया तो सुरक्षाकर्मियों ने शक के आधार पर उसे रोक लिया, लेकिन जब उन्होंने बोरा खोलकर देखा तो वे भी दंग रह गए। बोरे में पिछले 6 सालों से उसने जो आवेदन दिया था उसकी रिसीविंग भरी थी।
कलेक्ट ने तुरंत दिया आदेश
जब वह ऑफिस के अंदर बोरा लेकर गया तो कलेक्टर रुचिका चौहान ने जितेंद्र की परेशानी सुनी। उसने एक नई शिकायत दी, जिसके बाद कागजों का परीक्षण किया गया। कलेक्टर ने वहीं अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को आदेश देकर उसका नाम पीएम आवास योजना में जुड़वाया और कहा कि जाओ तुम्हारा काम हो गया।
सीएम को कहा- छोटे मामा
कलेक्टर ऑफिस से निकलने के बाद जितेंद्र ने कहा कि पिछले 6 साल से वह पीएम आवास योजना के लिए आवेदन कर रहा है। एक बोरे में मेरी शिकायतें हैं। साल के आखिरी दिन जाते जाते मुझे कलेक्टर महोदय ने खुशी दी है। उसकी पत्नी थायराइड सहित अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित है। मजदूरी कर वह किसी तरह घर का गुजारा करता है। उसने सीएम मोहन यादव को छोटे मामा कहते हुए धन्यवाद दिया।