मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीटेशन द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में भारत का इंडस्ट्रियल आउटपुट साल-दर-साल के आधार पर 2.7 प्रतिशत पर आ गया, जबकि मार्च में 3.9 प्रतिशत था. बता दें, ये आठ महीने का निचला स्तर है. बता दें, National Statistical Office ने मार्च के लिए इंडस्ट्रियल आउटपुट बढ़ोतरी को संशोधित कर 3.9 प्रतिशत कर दिया है. जबकि पिछले महीने ये अनुमान तीन प्रतिशत बताया गया था. भारत की इंडस्ट्रियल आउटपुट की बढ़ोतरी फरवरी में 2.7 प्रतिशत थी.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की प्रोडक्शन कम रही
एनएसओ के आंकड़ों के मुताबिक, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की प्रोडक्शन बढ़ोतरी अप्रैल में थोड़ी कम होकर 3.4 प्रतिशत रह गई जो कि एक साल पहले इसी महीने में 4.2 प्रतिशत थी. वहीं माइनिंग प्रोडक्शन में 0.2 प्रतिशत की गिरावट आई है. जबकि एक साल पहले 6.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी. पावर प्रोडक्शन में भी बढ़ोतरी अप्रैल 2025 में धीमी होकर एक प्रतिशत रह गई और एक साल पहले इसी अवधि में ये 10.2 प्रतिशत थी.
कार और फोन का प्रोडक्शन बढ़ा
बता दें, पूंजीगत वस्तु कैटेगरी की बढ़ोतरी अप्रैल 2025 में बढ़कर 20.3 प्रतिशत हो गई जो एक साल पहले इसी अवधि में 2.8 प्रतिशत थी. अप्रैल में, कार और फोन जैसी वस्तुओं सहित उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के उत्पादन में 6.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. इसके विपरीत, खाद्य उत्पादों और प्रसाधन सामग्री जैसे उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं के उत्पादन में 1.7 प्रतिशत की गिरावट आई, जो आवश्यक वस्तुओं में कम खपत को दर्शाता है.
आईआईपी के आकंड़ों के मुताबिक
आंकड़ों के अनुसार, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के संदर्भ में मापा गया कारखाना उत्पादन अप्रैल 2024 में 5.2 प्रतिशत बढ़ा. वहीं मार्च में बिजली क्षेत्र की बढ़ोतरी दर 6.3 प्रतिशत थी जो अप्रैल में घटकर 1.1 प्रतिशत रह गई. इसी तरह से माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट मार्च में 0.4 प्रतिशत थी जो अप्रैल में और घटकर 0.2 प्रतिशत रह गई.