24.1 C
London
Wednesday, July 2, 2025
Homeकॉर्पोरेटक्‍या ऐसे ही देंगे टक्‍कर… कमजोर चीन भी भारत पर भारी, ये...

क्‍या ऐसे ही देंगे टक्‍कर… कमजोर चीन भी भारत पर भारी, ये आंकड़े बता रहे हैं हमारी और ड्रैगन की स्‍टोरी

Published on

नई दिल्‍ली

भारत के औद्योगिक उत्पादन (IIP) की रफ्तार अप्रैल में धीमी हो गई है। मैन्‍यूफैक्‍चरिंग, माइनिंग और बिजली क्षेत्रों का कमजोर प्रदर्शन इसकी वजह रहा। औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 2.7 फीसदी दर्ज की गई। पिछले साल यह आंकड़ा 5.2 फीसदी था। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने ये आंकड़े जारी किए हैं। उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के उत्पादन में भी गिरावट आई है। वहीं, इसकी तुलना चीन से करें तो अप्रैल 2025 में चीन की औद्योगिक उत्पादन वृद्धि 6.1 फीसदी रही, जो भारत की तुलना में काफी ज्‍यादा है। यह तब है जब चीन अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर में फंसा है। पहले के मुकाबले वह कमजोर है। चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए भारत को अपनी औद्योगिक विकास दर को तेज करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।

अप्रैल में लगा झटका
भारत में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर अप्रैल में घटकर 2.7 फीसदी रह गई। मैन्‍यूफैक्‍चरिंग, खनन और बिजली क्षेत्रों में कमजोर प्रदर्शन के कारण यह गिरावट आई। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के अनुसार, पिछले महीने औद्योगिक उत्पादन वृद्धि का अनुमान 3 फीसदी था। इसे संशोधित कर 3.9 फीसदी क‍िया गया है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के अनुसार, अप्रैल 2024 में औद्योगिक उत्पादन 5.2 फीसदी बढ़ा था। लेकिन, इस साल यह रफ्तार धीमी रही। एनएसओ के आंकड़ों से पता चलता है कि फरवरी में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 2.7 फीसदी थी।

चीन से मुकाबले के ल‍िए करने होंगे कई काम
वहीं, अप्रैल 2025 में चीन की औद्योगिक उत्पादन वृद्धि 6.1 फीसदी रही है। यह आंकड़ा अर्थशास्त्रियों की 5.5 फीसदी की उम्मीद से बेहतर है। हालांकि, यह मार्च में दर्ज की गई 7.7 फीसदी की ग्रोथ से कम है, जो जून 2021 के बाद औद्योगिक उत्पादन में सबसे मजबूत विस्तार था।

चीन से मुकाबला करने के लिए भारत को कुछ सेक्‍टर्स पर फोकस बढ़ाने की जरूरत है। उसे मैन्‍यूफैक्‍चरिंग सेक्‍टर को बढ़ावा देना होगा। नीतिगत सुधारों के जरिये निवेश आकर्षित करना होगा। बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की जरूरत है। कौशल विकास पर ध्यान देना होगा। माइनिंग सेक्‍टर में सुधार के लिए नई तकनीकों का उपयोग करना होगा। नियामक प्रक्रियाओं को सरल बनाने की भी जरूरत है। इसके अलावा निर्यात को बढ़ावा देना,घरेलू मांग को मजबूत करना और इनोवेशन पर जोर देना भी उसकी प्र‍ाथमिकता में होना चाहिए।

Latest articles

बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल बने भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष

भोपालबैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल बने भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष,बैतूल विधायक हेमंत विजय खंडेलवाल...

भेल में प्रशासनिक फेरबदल 

भेलभेल भोपाल यूनिट में प्रशासनिक फेरबदल किया गया है l विभागों में फेरबदल...

Fatty Liver Causes: फैटी लीवर से बचना है तो इन चीज़ों से करें परहेज़ हकीम सुलेमान ख़ान के ख़ास नुस्ख़े

Fatty Liver Causes: लिवर की बीमारियों के पीछे सबसे बड़ा कारण हमारी खराब लाइफस्टाइल...

More like this

8th Pay Commission:अब है 8वें वेतन आयोग की बारी हर 10 साल में बदलाव

8th Pay Commission:अब है 8वें वेतन आयोग की बारी हर 10 साल में बदलाव,भारत...

फ्री में चेक करें पीएफ बैलेंस, ईपीएफओ की मिस्डकॉल-एस एमएस सर्विस से मिनटों में दिखेगा कंट्रीब्यूशन और बैलेंस जाने

फ्री में चेक करें पीएफ बैलेंस, ईपीएफओ की मिस्डकॉल-एस एमएस सर्विस से मिनटों में...

FACING ISSUES WITH PF WITHDRAWAL: यदि आपको भी PF निकालने में आ रही है दिक्कत तो जानिए क्या करें

FACING ISSUES WITH PF WITHDRAWAL: लगभग सभी भारतीय कर्मचारियों का एक PF (प्रोविडेंट फंड)...