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Aaj Ka Panchang: ज्येष्ठ शुक्ल द्वादशी और त्रयोदशी का संगम रवि प्रदोष व्रत का ख़ास दिन

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Aaj Ka Panchang: आज, 8 जून 2025, ज्येष्ठ मास का सत्ताईसवाँ दिन है। आज ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी और त्रयोदशी तिथि एक साथ हैं। आज के दिन की लंबाई 13 घंटे 55 मिनट 07 सेकंड होगी, जबकि रात का समय 10 घंटे 4 मिनट 49 सेकंड रहेगा। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रीष्म ऋतु है और सूर्य इस समय उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।

आइए जानते हैं, 8 जून के पंचांग के पाँचों अंगों – तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण – की क्या स्थितियाँ हैं? आज का कौन सा समय आपके लिए शुभ साबित होने की संभावना दिखा रहा है और आज राहुकाल का समय क्या है?

आज का पंचांग तिथि नक्षत्र और दिन का हाल

तिथि: आज ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि रहेगी, जो 8 जून को सुबह 07:17 बजे तक प्रभावी रहेगी। इसके बाद ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि शुरू हो जाएगी।

नक्षत्र: आज दिन की शुरुआत स्वाति नक्षत्र से होगी, जो दोपहर 12:42 बजे तक प्रभावी रहेगा। यह एक शुभ नक्षत्र माना जाता है। इसके बाद विशाखा नक्षत्र का आरंभ होगा, जो पूरे दिन रहेगा।

वार/दिन: आज रविवार है, जो सूर्य देव को समर्पित है। सूर्य को नवग्रहों का स्वामी माना जाता है। इस दिन सूर्य देव के साथ अन्य देवी-देवताओं और नवग्रहों की पूजा से विशेष लाभ और फल मिलते हैं।

योग और करण शुभ-अशुभ का संगम

योग: आज दिन की शुरुआत परिघ योग से होगी, जो 8 जून को दोपहर 12:18 बजे तक प्रभावी रहेगा, यह एक शुभ योग नहीं माना जाता। इसके बाद शिव योग का आरंभ होगा।

इसके साथ ही, आज द्विपुष्कर योग और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे विशेष योग भी बन रहे हैं। इससे यह दिन ख़ास बन गया है। इन योगों की अवधि आप नीचे शुभ योग की श्रेणी में देख सकते हैं।

करण: आज सुबह 07:17 बजे तक बव करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद कौलव करण शुरू होगा, जो 8 जून को रात 08:28 बजे तक प्रभावी रहेगा। इसके बाद तैतिल करण का आरंभ होगा।

सूर्य-चंद्र गोचर और शुभ-अशुभ मुहूर्त

उपरोक्त वर्णित आज के पंचांग के पाँच अंगों के साथ-साथ, आज सूर्य और चंद्र के गोचर की स्थिति कुछ इस प्रकार रहने की संभावना है:

सूर्य गोचर: सूर्य वृषभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी शुक्र हैं।

चंद्र गोचर: चंद्रमा तुला राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी शुक्र हैं।

शुभ मुहूर्त:

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:02 बजे से 04:42 बजे तक
  • प्रातः सन्ध्या: सुबह 04:22 बजे से 05:23 बजे तक
  • अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:52 बजे से दोपहर 12:48 बजे तक
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 02:39 बजे से 03:35 बजे तक
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 07:17 बजे से 07:37 बजे तक
  • सायाह्न सन्ध्या: शाम 07:18 बजे से रात 08:18 बजे तक
  • निशिता मुहूर्त: 9 जून को रात 12:00 बजे से 12:40 बजे तक

अशुभ मुहूर्त:

  • राहुकाल: आज राहुकाल सुबह 08:51 बजे से 10:36 बजे तक रहने की संभावना है। हिंदू धर्म में, इस अवधि में किसी भी शुभ कार्य को शुरू करना वर्जित माना गया है।
  • दूसरा राहुकाल: शाम 05:33 बजे से 07:18 बजे तक
  • यमगण्ड: दोपहर 12:20 बजे से 02:05 बजे तक
  • गुलिक काल: दोपहर 03:49 बजे से शाम 05:33 बजे तक
  • दुर्मुहूर्त काल: शाम 05:27 बजे से 06:22 बजे तक
  • विष घटी/वर्ज्य काल: शाम 06:57 बजे से रात 08:44 बजे तक

आज के त्योहार और धार्मिक महत्व रवि प्रदोष व्रत

आज ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि और दिन रविवार है। यह दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और ग्रहों के राजा तथा पृथ्वी पर ऊर्जा और प्रकाश के महान स्रोत भगवान सूर्य को समर्पित माना जाता है। रविवार को सूर्य देव की पूजा करने से मान-सम्मान, स्वास्थ्य और ऊर्जा में वृद्धि होती है। रविवार को अन्य देवी-देवताओं और नवग्रहों के साथ सूर्य देव की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। रविवार को व्रत रखने से आत्म-नियंत्रण और आंतरिक शुद्धि बढ़ती है। इस दिन दान करने से पुण्यकारी फल प्राप्त होते हैं और सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

रवि प्रदोष व्रत: रविवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को रवि प्रदोष व्रत कहा जाता है। यह व्रत भगवान शिव और सूर्य देव दोनों को समर्पित है। माना जाता है कि यह व्रत स्वास्थ्य समस्याओं से राहत दिलाता है और दीर्घायु का आशीर्वाद देता है। प्रदोष व्रत परिवार में सुख-शांति लाता है, आत्मविश्वास बढ़ाता है और समाज में प्रतिष्ठा में वृद्धि करता है।

आज के यात्रा टिप्स: आज दिशाशूल पश्चिम दिशा में है, इसलिए आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है, सिवाय आपातकालीन स्थिति के।

पंचांग का महत्व और उसके पाँच प्रमुख अंग

पंचांग सिर्फ़ तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है। यह हमें ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुसार जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है, ताकि समय और परिस्थितियों को अपने अनुकूल बनाया जा सके।

पंचांग के पाँच मुख्य घटक होते हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर किए गए कार्यों में सफलता और समृद्धि की संभावना बढ़ती है। पंचांग के ये घटक हैं:

यह भी पढ़िए: बीएचईएल झांसी यूनिट में पर्यावरण जागरूकता माह– 2025 का शुभारंभ

  • वार: यह सप्ताह के सातों दिनों के महत्व और प्रभाव को बताता है।
  • तिथि: इसके अनुसार चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना ज्ञात होती है।

अस्वीकरण (Disclaimer):यह पंचांग की जानकारी सामान्य ज्योतिषीय गणनाओं और मान्यताओं पर आधारित है। व्यक्तिगत जीवन पर इसके प्रभावों के लिए किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेना उचित होगा। इसमें दी गई जानकारी केवल संदर्भ के लिए है और इसे किसी भी व्यक्तिगत निर्णय का एकमात्र आधार नहीं माना जाना चाहिए।

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