Grah Pravesh Niyam Sawan: चातुर्मास की शुरुआत 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी के साथ हो चुकी है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन से देवता चार महीने के लिए शयन मुद्रा में चले जाते हैं. इसलिए, इन दिनों में कोई भी शुभ कार्य वर्जित माना जाता है. लेकिन इसके साथ ही, 11 जुलाई से सावन का पवित्र महीना शुरू हो रहा है.
ऐसे में, यदि आप भी इन चार महीनों में गृह प्रवेश करना चाहते हैं या जानना चाहते हैं कि चातुर्मास में नए घर में प्रवेश करना शुभ माना जाता है या अशुभ, तो आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री से कि क्या चातुर्मास में गृह प्रवेश करना शुभ है, चातुर्मास में किन घरों में प्रवेश किया जा सकता है और सावन में गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त क्या हैं.
सावन में जीर्ण गृह प्रवेश के नियम
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार, सावन में जीर्ण गृह प्रवेश किया जा सकता है. जीर्ण गृह प्रवेश का अर्थ उन घरों में प्रवेश से है जिनके लिए नींव नहीं डाली गई है, बल्कि मरम्मत के बाद घर को रहने लायक तैयार किया गया है. ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, नवीनीकृत (renovated) घरों के लिए गृह प्रवेश किया जा सकता है.
कैसे करें जीर्ण गृह प्रवेश
यदि आप जीर्ण गृह प्रवेश करना चाहते हैं, तो सबसे पहले घर की साफ़-सफाई करें और उसमें एक नारियल और एक कलश रखें. इसके बाद, घर में मरम्मत या नवीनीकरण का काम करवाएं या रंगाई-पुताई का काम करवाएं. ऐसे में घर में कोई दोष नहीं लगता है.
सावन में यह गृह प्रवेश नहीं होता
सावन के महीने में गृह प्रवेश किया जा सकता है, लेकिन यह केवल जीर्ण गृह प्रवेश होता है. जब किसी प्लॉट पर नींव डालकर घर बनाया गया हो और उस घर का गृह प्रवेश करना हो, तो उसके लिए चातुर्मास का समय शुभ नहीं माना जाता है.
सावन महीने का महत्व
देवशयनी एकादशी से इंद्र देव शयनलोक चले जाते हैं. इस दौरान, सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं. इसलिए, सावन का महीना भगवान शिव के लिए विशेष माना जाता है.