शाहडोल
मध्यप्रदेश की एक महिला डीआइजी ने स्कूली लड़कियों को अच्छे बच्चे पैदा करने और गर्भधारण के संबंध में टिप्स दिए जिससे बवाल मच गया। शहडोल की डीआइजी सविता सोहाने ने बालिका सुरक्षा पर एक व्याख्यान में विद्यार्थियों को ओजस्वी बच्चे पैदा करने के टिप्स दे डाले। वे एक निजी स्कूल में व्याख्यान दे रही थीं। शहडोल डीआइजी के इस व्याख्यान पर बवाल मच गया है। इसके बाद डीआइजी सविता सोहाने ने सफाई देते हुए कहा कि उनकी बातों को गलत संदर्भों में प्रस्तुत किया जा रहा है। जब स्कूलों में यौन शिक्षा की मांग उठाई जा रही है तब गर्भधारण के संबंध में जागरूक बनाना गलत नहीं है।
शहडोल की डीआइजी सविता सोहाने द्वारा 3 माह पहले दिए गए एक व्याख्यान पर प्रदेशभर में हंगामा हो रहा है। 4 अक्टूबर को उन्होंने अभिमन्यु अभियान में महिला-बालिका सुरक्षा संबंधी व्याख्यान दिया था। बच्चों और युवाओं में लैंगिक समानता व महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना जगाने के उद्देश्य से यह अभियान चलाया गया।
अभियान के अंतर्गत व्याख्यान में डीआईजी सविता सोहाने ने स्कूली बच्चों, छात्राओं को ओजस्वी बच्चा पैदा करने के लिए क्या करें और क्या न करें की सलाह दे डाली। उन्होंने कहा कि पूर्णिमा की रात गर्भधारण नहीं करना चाहिए। डीआईजी सविता सोहाने ने यह भी कहा कि ओजस्वी संतान प्राप्ति के लिए सूर्य देव को जल चढ़ाएं और उन्हें प्रणाम करें ताकि आप धरती पर एक नया बचपन ला सकें।
अभिमन्यु अभियान में दिए व्याख्यान का मामला तूल पकड़ने के बाद डीआइजी सविता सोहाने ने अपना बचाव करते हुए कहा, उनके बयान का सिर्फ एक अंश प्रचारित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य महिलाओं पर बढ़ते अपराधों के बीच लड़कियों को सशक्त बनाना और सम्मान पैदा करना था।
डीआईजी सविता सोहाने इसे उनकी छवि खराब करने की कोशिश करार दे रही हैं। उनका कहना है कि मैंने कुछ गलत नहीं कहा। स्कूलों में यौन शिक्षा, गर्भधारण की बात गलत नहीं है। अभिमन्यु के बारे में बताते समय मैंने छात्राओं को समझाया कि बच्चों में गर्भ के समय से ही संस्कार आ जाते हैं। इस विषय पर मैं कई बार बोल चुकी हूं और सरकार ने इसके लिए मुझे सम्मानित भी किया है। मेरा उद्देश्य पवित्र है।