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Friday, July 4, 2025
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निर्मला ने अमेरिका में मुंहतोड़ जवाब तो दे दिया, पर मुस्लिमों को लेकर देश की छवि बिगाड़ने वाले हैं कौन?

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नई दिल्ली

पश्चिमी देशों में ऐसी धारणा बना दी गई है कि भारत में मुसलमानों के साथ अत्याचार होता है। पिछले दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी लंदन गए तो विदेशी रिपोर्टों का हवाला देते हुए कह आए कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ गलत हो रहा है। उन्होंने कहा था कि यह दुनिया के अखबार कह रहे हैं। अमेरिका में जब यही सवाल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने उठा तो उन्होंने आंकड़े देते हुए भारत विरोधी एजेंडा चलाने वालों की बोलती बंद कर दी। निर्मला ने साफ कहा कि भारत में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी रहती है। उन्होंने पश्चिम की मीडिया को जवाब दिया कि भारत में मुसलमानों की आबादी में लगातार बढ़ोतरी हुई है।

उन्होंने कहा कि जो लोग अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर भारत सरकार को दोष देते फिरते हैं, उन्हें जमीनी हकीकत के बारे में पता ही नहीं है। दरअसल, वॉशिंगटन डीसी में ‘पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स’ में एक डिबेट के दौरान उनसे अर्थव्यवस्था और निवेश को लेकर सवाल पूछे जा रहे थे तभी एक प्रश्न भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर आ गया। अब सवाल उठ रहे हैं कि वे कौन लोग हैं जो दुनिया में भारत की छवि को बिगाड़ रहे हैं। क्या भारत के ही कुछ नेता अपने बयानों से यह मौका दे रहे हैं या फिर दुनिया के कुछ मीडिया समूह भारत विरोधी एजेंडा चला रहे हैं?

राहुल ने क्या कहा था
लंदन में राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा था, ‘भारत में मुस्लिम, ईसाई रहते हैं लेकिन मिस्टर नरेंद्र मोदी उन्हें दोयम दर्जे का नागरिक मानते हैं।’ जब राहुल ने ऐसी बात कही तो भाजपा ने करारा जवाब दिया था। काफी बवाल हुआ था। संसद तक इसका असर दिखा। राहुल से माफी मांगने की मांग उठने लगी। भगवा दल ने कहा कि विदेश की धरती पर जाकर राहुल गांधी देश को बदनाम कर रहे हैं।

निर्मला से मुसलमानों पर सवाल
आज सोशल मीडिया पर निर्मला सीतारमण का बयान वायरल हो रहा है। पिछले दिनों रामनवमी के समय देश के कई शहरों में दो गुटों में झड़प हुई तो वैश्विक मीडिया ने इसे बहुसंख्यक vs अल्पसंख्यक के बीच का टकराव दिखाया। इसमें मुसलमानों को पीड़ित के तौर पर बताया गया। इसके जरिए दुनिया में यह संदेश देने की कोशिश की गई कि भारत में मुसलमानों को खतरा है। इस संदर्भ में जब कार्यक्रम में निर्मला से पूछा गया कि राजनीति को लेकर पश्चिम में पर्सेप्शन अलग है। पश्चिमी मीडिया में व्यापक रिपोर्टिंग हो रही है कि विपक्षी सांसद (राहुल गांधी) का स्टेटस खत्म किया गया है, भारत में अल्पसंख्यकों के साथ हिंसा हो रही है। कार्यक्रम में उनसे पूछा गया कि क्या इस तरह की धारणा बनने से भारत में निवेश प्रभावित होता है?

निर्मला ने कहा कि इस सवाल का जवाब उन निवेशकों के पास है जो भारत आते हैं और वे लगातार आ रहे हैं। मैं इतना जरूर कहूंगी कि आप भारत आइए, खुद देखिए कि देश में क्या हो रहा है। उनकी मत सुनिए जो ग्राउंड पर कभी गए ही नहीं और रिपोर्ट तैयार कर दी। वित्त मंत्री ने आगे यह भी कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि वह उस धारणा को सही मान रही हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि जैसा कि ज्यादातर रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मुसलमानों की जिंदगी को मुश्किल बना दिया गया है, अगर इसमें थोड़ी भी सच्चाई होती तो क्या 1947 के बाद मुस्लिम आबादी में बढ़ोतरी होती। उन्होंने कहा कि मैं उस देश का नाम लेना चाहूंगी, जिससे अंतर साफ समझ में आएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि उसी समय अस्तित्व में आए पाकिस्तान में स्थितियां बिल्कुल उलट हैं। पाकिस्तान में मुहाजिर (शरणार्थियों), शियाओं और दूसरे अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा हुई है जबकि भारत में मुस्लिमों का हर वर्ग तरक्की कर रहा है और आराम से रह रहा है

सीतारमण ने कहा, ‘पाकिस्तान ने खुद को इस्लामी देश घोषित किया। कहा कि अल्पसंख्यकों की रक्षा की जाएगी जबकि पाक में हर अल्पसंख्यक समूह की आबादी घटती जा रही है। कुछ मुस्लिम समूहों की भी संख्या कम हुई है।’ वित्त मंत्री का इशारा शिया, अहमदिया और हजारा समुदाय की तरफ था।

मेक इन इंडिया पर सीतारमण की दुनिया को खरी-खरी
मंत्री ने कहा कि भारत में कानून-व्यवस्था राज्यों का विषय है। हर प्रांत की अपनी निर्वाचित सरकार है, जो कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखती है। यह धारणा केवल एक भ्रम है कि भारत में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा हो रही है। वित्त मंत्री ने आगे कहा, ‘अगर कुछ लोग भारत सरकार को जिम्मेदार ठहराएंगे तो क्या 2014 से आज तक आबादी घटी है?’ सीतारमण ने कहा, ‘जो लोग इस तरह की खबरें लिखते हैं, मैं उन्हें भारत आने का न्योता देती हूं… वे भारत आएं और अपनी बात साबित करें।’दुनिया की मुस्लिम आबादी का करीब 62% हिस्सा तुर्किये से इंडोनेशिया क्षेत्र में रहता है जिसकी आबादी एक अरब है। दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी (12.7%) इंडोनेशिया में है।

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