इस्लामाबाद
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भारत को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने पाकिस्तानी मीडिया की एक खबर को शेयर करते हुए लिखा है कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत की दावेदारी को विफल किया। हालांकि, इस ट्वीट के बाद से ही बिलावल के दावे पर सवाल खड़े होने लगे हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से एक है। इसे दुनिया का सबसे ताकतवर संगठन माना जाता है। इस संगठन का दायित्व अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखना है। सुरक्षा परिषद के सदस्यों की संख्या 15 होती है, जिसमें से 5 स्थायी और 10 अस्थायी होते हैं। अस्थायी सदस्यों का कार्यकाल 2 साल का होता है।
भारत की UNSC सदस्यता को लेकर बिलावल ने किया दावा
बिलावल भुट्टो ने ‘द नेशन’ वेबसाइट की जिस खबर को शेयर किया, उसमें लिखा है कि पाकिस्तान को राजनयिक मोर्चे पर बड़ी सफलता मिली है। खबर में दावा किया गया है कि पाकिस्तान ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में स्थायी सीट के लिए भारत के प्रयास को एक बार फिर विफल कर दिया। इतना ही नहीं, खबर में यह भी कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सदस्यता पर पाकिस्तान की पोजीशन को मान्यता दी गई, जबकि अरब लीग और अफ्रीकी संघ ने भी पाकिस्तान का समर्थन किया।
कहा- भारत के पास स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन नहीं
खबर में बताया गया है कि सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है। पाकिस्तानी वेबसाइट ने दावा किया कि भारत को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने के लिए आधे सदस्यों का समर्थन नहीं है। इतना ही नहीं, इस खबर में पाकिस्तान सरकार के झूठे दावों को दोहराते हुए भारत पर कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। खबर में लिखा है कि भारत ने हमेशा संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन किया है। जबकि, उसने पाकिस्तान की तरफ देखना गवारा नहीं समझा जो दुनियाभर में आतंकवाद फैलाने में चैंपियन है।
बिलावल के दावे की सच्चाई क्या है
बिलावल भुट्टो का दावा पहली नजर में झूठा साबित हो रहा है। दरअसल, संयुक्त राष्ट्र की अंतर-सरकारी वार्ता एक अनौपचारिक पूर्ण बैठक में होती है, जिसमें कोई मतदान या बोली या उम्मीदवारी नहीं रखी जाती है। ऐसे में पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी का यह दावा कि उनके देश ने भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी दावेदारी को विफल कर दिया, यह पूरी तरह से झूठ है। जब बैठक में कोई बोली या समर्थन वाली बात हुई ही नहीं फिर दावेदारी के विफल या सफल होने का सवाल ही नहीं उठता है।