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पृथ्वी के बेहद करीब से निकला ट्रक बराबर एस्टेरॉयड, बड़े हादसे से बची धरती

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पासडेना,

धरती एक बड़े हादसे से बच गई. 26 जनवरी 2023 की रात ट्रक के आकार का एक एस्टेरॉयड हमारी जमीन से मात्र 3540 किलोमीटर दूर से निकला. खतरनाक बात ये थी कि इसके आने की खबर किसी वैज्ञानिक संस्थान, दूरबीन या रेडियो टेलिस्कोप को नहीं मिली. यह एस्टेरॉयड की लंबाई करीब 30 फीट है. इसका नाम है 2023 BU.

Trulli

नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी ने कहा कि यह एस्टेरॉयड धरती से टकराया नहीं लेकिन इतनी नजदीक से गुजरना खतरे की बात है. यह एस्टेरॉयड जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट की ऑर्बिट में से निकला है. लेकिन उसने किसी भी सैटेलाइट को हिट नहीं किया. इस एस्टेरॉयड के बारे में पिछले शनिवार यानी 28 जनवरी 2023 तक न नासा को पता था. न ही किसी अन्य वैज्ञानिक संस्थान को.

क्रीमिया में मौजूद मार्गो ऑब्जरवेटरी से एक एमेच्योर एस्ट्रोनॉमर जिनाडी बोरिसोव ने इसे सबसे पहले देखा. इसके बाद जब नासा समेत अन्य संस्थानों के वैज्ञानिकों ने इस एस्टेरॉयड की रास्ते की जानकारी निकाली तो उनके होश उड़ गए. क्योंकि वह धरती के बेहद करीब से होकर आगे निकल चुका था. गति इतनी थी कि जब उसे देखा गया तब वह 3 लाख किलोमीटर से आगे पहुंच गया था.

इसके बाद एस्टेरॉयड 2023 BU की जांच के लिए इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन ने माइनर प्लैनेट सेंटर को बोला. यह सेंटर एस्टेरॉयड्स, उल्कापिंड, धूमकेतु और सैटेलाइट्स की पोजिशन का निर्धारण करती है. इससे पहले साल 2020 में ब्राजील के एमेच्योर एस्ट्रोनॉमर लियोनॉर्डो अमाराल ने ऐसा ही एक एस्टेरॉयड खोजा था. इसका नाम था 2020 QU6.

यह एस्टेरॉयड धरती से 2 करोड़ किलोमीटर दूर से निकला था. लेकिन इसकी गति और यह कब निकला यह किसी को पता नहीं चला. इसके बगल से गुजरने के बाद इसे लियोनॉर्डो ने देखा था. फिर पूरी दुनिया जान गई. सौर मंडल में घूमने वाले ज्यादातर एस्टेरॉयड्स मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच से आते हैं. अगर कोई एस्टेरॉयड धरती से 1.3 एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट्स की दूरी तक आता है, तो उसे नीयर अर्थ ऑब्जेक्ट्स कहते हैं.

साल 2005 में नासा ने स्टडी करके बताया था कि ज्यादातर नीयर अर्थ ऑब्जेक्ट्स 460 फीट चौड़े हैं. यानी इनमें से एक भी अगर जमीन पर गिरता है तो पूरा का पूरा शहर बर्बाद कर देगा. इसलिए पिछले साल सितंबर में नासा ने DART मिशन के जरिए 500 फीट चौड़े डाइमॉरफोस एस्टेरॉयड पर टक्कर की थी. ताकि उसकी दिशा बदली जा सके. इस टक्कर से उसकी कक्षा में 32 मिनट की कमी आई. यानी उसने दिशा बदल दी थी.

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