10.9 C
London
Wednesday, October 15, 2025
Homeअंतराष्ट्रीयपृथ्वी के बेहद करीब से निकला ट्रक बराबर एस्टेरॉयड, बड़े हादसे से...

पृथ्वी के बेहद करीब से निकला ट्रक बराबर एस्टेरॉयड, बड़े हादसे से बची धरती

Published on

पासडेना,

धरती एक बड़े हादसे से बच गई. 26 जनवरी 2023 की रात ट्रक के आकार का एक एस्टेरॉयड हमारी जमीन से मात्र 3540 किलोमीटर दूर से निकला. खतरनाक बात ये थी कि इसके आने की खबर किसी वैज्ञानिक संस्थान, दूरबीन या रेडियो टेलिस्कोप को नहीं मिली. यह एस्टेरॉयड की लंबाई करीब 30 फीट है. इसका नाम है 2023 BU.

नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी ने कहा कि यह एस्टेरॉयड धरती से टकराया नहीं लेकिन इतनी नजदीक से गुजरना खतरे की बात है. यह एस्टेरॉयड जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट की ऑर्बिट में से निकला है. लेकिन उसने किसी भी सैटेलाइट को हिट नहीं किया. इस एस्टेरॉयड के बारे में पिछले शनिवार यानी 28 जनवरी 2023 तक न नासा को पता था. न ही किसी अन्य वैज्ञानिक संस्थान को.

क्रीमिया में मौजूद मार्गो ऑब्जरवेटरी से एक एमेच्योर एस्ट्रोनॉमर जिनाडी बोरिसोव ने इसे सबसे पहले देखा. इसके बाद जब नासा समेत अन्य संस्थानों के वैज्ञानिकों ने इस एस्टेरॉयड की रास्ते की जानकारी निकाली तो उनके होश उड़ गए. क्योंकि वह धरती के बेहद करीब से होकर आगे निकल चुका था. गति इतनी थी कि जब उसे देखा गया तब वह 3 लाख किलोमीटर से आगे पहुंच गया था.

इसके बाद एस्टेरॉयड 2023 BU की जांच के लिए इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन ने माइनर प्लैनेट सेंटर को बोला. यह सेंटर एस्टेरॉयड्स, उल्कापिंड, धूमकेतु और सैटेलाइट्स की पोजिशन का निर्धारण करती है. इससे पहले साल 2020 में ब्राजील के एमेच्योर एस्ट्रोनॉमर लियोनॉर्डो अमाराल ने ऐसा ही एक एस्टेरॉयड खोजा था. इसका नाम था 2020 QU6.

यह एस्टेरॉयड धरती से 2 करोड़ किलोमीटर दूर से निकला था. लेकिन इसकी गति और यह कब निकला यह किसी को पता नहीं चला. इसके बगल से गुजरने के बाद इसे लियोनॉर्डो ने देखा था. फिर पूरी दुनिया जान गई. सौर मंडल में घूमने वाले ज्यादातर एस्टेरॉयड्स मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच से आते हैं. अगर कोई एस्टेरॉयड धरती से 1.3 एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट्स की दूरी तक आता है, तो उसे नीयर अर्थ ऑब्जेक्ट्स कहते हैं.

साल 2005 में नासा ने स्टडी करके बताया था कि ज्यादातर नीयर अर्थ ऑब्जेक्ट्स 460 फीट चौड़े हैं. यानी इनमें से एक भी अगर जमीन पर गिरता है तो पूरा का पूरा शहर बर्बाद कर देगा. इसलिए पिछले साल सितंबर में नासा ने DART मिशन के जरिए 500 फीट चौड़े डाइमॉरफोस एस्टेरॉयड पर टक्कर की थी. ताकि उसकी दिशा बदली जा सके. इस टक्कर से उसकी कक्षा में 32 मिनट की कमी आई. यानी उसने दिशा बदल दी थी.

Latest articles

राज्यमंत्री श्रीमती कृष्णा गौर ने विभागीय एवं विकास कार्यों की समीक्षा कीदेश के सर्वश्रेष्ठ कोचिंग संस्थान देंगे पिछड़ा वर्ग के छात्रों को कोचिंगपिछड़ा वर्ग...

पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण तथा विमुक्त, घुमंतू एवं अर्द्धघुमंतु कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)...

आगा क्लब के सदस्यों को स्मृति चिन्ह वितरण किए गए।

आगा क्लब बीएचईएल भोपाल ने अपने नियमित सतत् रूप से जुड़े समस्त सदस्यों को...

जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर भीषण बस हादसा: आग लगने से 20 यात्रियों की दर्दनाक मौत, 15 झुलसे

जैसलमेर (राजस्थान)। राजस्थान के जैसलमेर जिले में मंगलवार दोपहर बड़ा हादसा हो गया। जैसलमेर-जोधपुर...

More like this

पीएम मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की मुंबई में मुलाकात: FTA लागू करने पर बनी सहमति, भारत-UK संबंध होंगे मजबूत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुंबई के राजभवन में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर...

Russian Submarine Near Japan: जापान के पास रूसी परमाणु पनडुब्बी की तैनाती से वैश्विक तनाव बढ़ा

Russian Submarine Near Japan:जापान के पास रूस द्वारा पहली बार परमाणु पनडुब्बी की तैनाती...