दमिश्क:
सीरिया में हयात तहरीर अल शाम (HTS) के नेतृत्व में विद्रोही बलों ने राजधानी दमिश्क की घेराबंदी कर ली है। विद्रोही गठबंधन के प्रवक्ता हसन अब्दुलगनी ने कहा कि दमिश्क की घेराबंदी असद शासन के खिलाफ उनके अभियान का अंतिम चरण है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सीरियाई सेना दक्षिणी क्षेत्र के अधिकांश क्षेत्र से वापस चली गई है। हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने इस दावे का खंडन किया है। इसके पहले विद्रोही बलों ने दावा किया था कि वे राजधानी दमिश्क से सिर्फ 20 किलोमीटर की दूरी पर हैं।
राष्ट्रपति असद राजधानी में मौजूद
इस बीच सीरियाई सरकार ने उन रिपोर्टों का खंडन किया है कि राष्ट्रपति बशर अल-असद राजधानी पर हमलों के बीच दमिश्क से से भाग गए हैं। सरकारी समाचार एजेंसी सना ने राष्ट्रपति कार्यालय के हवाले से बताया है कि राष्ट्रपति असद दमिश्क से नहीं गए हैं। शनिवार को एक बयान में कहा, ‘कुछ विदेशी मीडिया आउटलेट राष्ट्रपति बशर अल-असद के दमिश्क छोड़ने या किसी अन्य देश की त्वरित यात्रा के बारे में अफवाहें और झूठी खबरें फैला रहे हैं।’
इसमें कहा गया है कि ‘राष्ट्रपति राजधानी दमिश्क से अपने काम और राष्ट्रीय व संवैधानिक कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं।’ सरकार ने कहा कि मीडिया आउटलेट्स की अफवाहें पिछले कुछ वर्षों के युद्ध के दौरान सीरियाई राज्य और समाज को गुमराह करने और प्रभावित करने के पैटर्न का हिस्सा हैं।
‘रूस आतंकियों को रोकने के लिए सबकुछ कर रहा’
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शनिवार को कहा कि रूस सीरिया में आतंकियों को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। रूसी लड़ाकू विमान 2015 से ही सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद की सेना को विद्रोही लड़ाकों पर हमला करने में सहायता कर रहे हैं। पिछले सप्ताह भी रूसी जेट ने विपक्षी विद्रोहियों पर हमला किया था। उन्होंने कहा, हम आतंकवादियों को हावी न होने देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं, भले ही कहें कि वे अब आतंकवादी नहीं हैं।’ लावरोव ने इस्लामिक चरमपंथी समूह एचटीएस के नेता अबू मोहम्मद अल-जुलानी का इंटरव्यू सीएनएन पर प्रसारित करने को लेकर अमेरिका की आलोचना की।