साल खत्म होने से पहले ही भर गई सरकार की झोली, डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 16.2% तेजी

नई दिल्ली:

भारत सरकार को मिलने वाले डायरेक्ट टैक्स में अच्छी बढ़त देखने को मिली है। CBDT के नए आंकड़ों के अनुसार 16 मार्च तक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 25.86 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है पिछले साल के मुकाबले 16.15% ज्यादा है। यह बढ़त इसलिए हुई है क्योंकि कंपनियों और नॉन-कॉरपोरेट टैक्स से ज्यादा रेवेन्यू आया है। साथ ही शेयर बाजार में होने वाले सौदों पर लगने वाले सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स यानी STT में भी उल्लेखनीय तेजी आई है। डायरेक्ट टैक्स वो होते हैं जो लोग और कंपनियां सीधे सरकार को देते हैं। इनमें इनकम टैक्स, कॉरपोरेट टैक्स और एसटीटी शामिल हैं।

इस अवधि में कॉरपोरेट टैक्स 12.40 लाख करोड़ रुपये हो गया है जो पिछले साल समान अवधि में 10.1 लाख करोड़ रुपये था। इसी तरह नॉन-कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन पिछले वित्त वर्ष में 10.91 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 12.90 करोड़ रुपये हो गया। शेयर बाजार के सौदों पर लगने वाला टैक्स STT भी खूब बढ़ा है। ये 53,095 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि पिछले साल ये 34,131 करोड़ रुपये था। इस दौरान वेल्थ टैक्समें कमी आई है। ये 3,656 करोड़ रुपये से घटकर 3,399 करोड़ रुपये रह गया है।

मजबूत है इकॉनमी
इस दौरान रिफंड 32.51% बढ़कर 4.6 लाख करोड़ रुपये हो गया। रिफंड के बाद सरकार के पास कुल 21.26 लाख करोड़ रुपये का सीधा टैक्स आया। ये पिछले साल के मुकाबले 13.13% ज्यादा है। पिछले साल यह 18.8 लाख करोड़ रुपये था। टैक्स में बढ़त भारत की आर्थिक सेहत के लिए अच्छी खबर है। इससे सरकार के पास ज्यादा पैसा आएगा और उसे कर्ज लेने की कम जरूरत पड़ेगी। इससे यह भी साबित होता है कि दुनिया में मंदी की आशंका के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है।

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