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Tuesday, September 16, 2025
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अच्‍छा किया ठोंक दिया… ऑपरेशन सिंदूर को बाजार की सलामी, कैसे टूटा ट्रेंड?

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नई दिल्‍ली

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय शेयर बाजार ने एक दिलचस्प रुख दिखाया। शुरुआती गिरावट के बाद बीएसई के 30 शेयरों वाले सेंसेक्स में रिकवरी आई। यह लगभग 106 अंकों की बढ़त के साथ बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी हरे निशान में बंद हुआ। भारत की ओर से सधी हुई कार्रवाई शायद बाजार को पसंद आई है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्‍तान के खिलाफ कार्रवाई की। भारतीय बाजारों में उतार-चढ़ाव जरूर रहा। लेकिन, इनका बढ़त के साथ बंद होना कई लोगों को चौंकाने वाला लगा। अमूमन शेयर बाजार युद्ध या जंग जैसी स्थिति में उलट प्रतिक्रिया देते हैं। इनमें भारी गिरावट आती है। पाकिस्‍तान के बाजारों में यह दिखाई भी दिया। हालांकि, भारतीय बाजारों ने उस ट्रेंड को तोड़ दिया। ऐसा क्‍यों हुआ इसे समझने की कोशिश करते हैं।

भारतीय बाजार का यह रुख कैसा?
भारतीय शेयर बाजारों का यह रुख कई कारणों से हो सकता है। ऑपरेशन सिंदूर मुख्य रूप से आतंकवादी ठिकानों पर केंद्रित था। इसे गैर-बढ़ावा देने वाला बताया गया। इससे बाजार में व्यापक संघर्ष की आशंका कम हुई।कुछ विश्लेषकों का मानना है कि पहलगाम हमले के बाद भारत की ओर से इस तरह की जवाबी कार्रवाई की उम्मीद बाजार में पहले से ही थी। इसलिए इसका तत्काल प्रभाव सीमित रहा।

इसके अलावा बाजार को अन्य फैक्‍टर्स से भी समर्थन मिला। जैसे कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की ओर से लगातार खरीदारी और भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौते पर प्रगति होना।भारतीय सेना के मिसाइल हमले के बाद बुधवार को शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को जरूर मिला। लेकिन, दोनों प्रमुख सूचकांक अंत में बढ़त के साथ बंद हुए। सेंसेक्स 105.71 अंक बढ़कर 80,746.78 पर और निफ्टी 34.80 अंक चढ़कर 24,414.40 पर बंद हुआ।

आगे के ल‍िए क्‍या कह रहे हैं एक्‍सपर्ट्स?
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा, ‘आतंकवादी हमले का जवाब सैन्य कार्रवाई से देने के बाद कारोबारी सत्र की शुरुआत बड़ी गिरावट के साथ हुई थी। लेकिन, बाद में यह तेजी से नुकसान की भरपाई करने में सफल रहा और बढ़त के साथ बंद हुआ।’ इसका मतलब है कि बाजार शुरुआत में तो डरा हुआ था। लेकिन, बाद में उसने नुकसान की भरपाई कर ली और फायदे में आ गया।

मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे के मुताबिक, ‘भले ही सीमापार आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के बाद बाजार में कारोबार के दौरान उतार-चढ़ाव देखा गया, लेकिन अंत में अनिश्चितता दूर करने में कामयाबी मिली। भारत-पाकिस्‍तान युद्ध से जुड़े तनाव के कारण बाजार की धारणा सतर्क रहेगी। लेकिन, अगले कुछ दिनों में शेयर-विशिष्ट गतिविधियों के साथ बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।’ इसका मतलब है कि बाजार में अभी भी डर का माहौल है, लेकिन कुछ समय बाद स्थिति सामान्य हो सकती है।

जियोजीत इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘भारतीय बाजारों ने भारत-पाक तनाव के बीच काफी जुझारूपन दिखाया। बाजार की सधी हुई प्रतिक्रिया दर्शाती है कि उसने भू-राजनीतिक तनाव को पहले ही काफी हद तक आत्मसात कर लिया है। इसके साथ भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते की घोषणा ने निवेशकों की उम्मीद बढ़ाने का काम किया।’ इसका मतलब है कि बाजार ने तनाव को झेल लिया है और भारत-ब्रिटेन के बीच हुए समझौते से निवेशकों को फायदा होगा।

भारत और ब्रिटेन ने एक मुक्त व्यापार समझौता किया है। इससे 99 फीसदी भारतीय निर्यात पर शुल्क नहीं लगेगा। साथ ही, ब्रिटिश कंपनियों के लिए भारत में व्हिस्की, कार और अन्य उत्पादों का निर्यात आसान हो जाएगा।

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