इस्लामाबाद
पाकिस्तान की सेना ने क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए बलूच पत्रकार की उनके परिवार के सामने गोली मारकर हत्या कर दी है। मशहूर पत्रकार अब्दुल लतीफ बलोच की उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। ये घटना मश्के में हुई है। न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक बलोच याकजेहती कमेटी (BYC) नाम के एक स्थानीय मानवाधिकार समूह ने पत्रकार की परिवार के सामने गोली मारकर हत्या किए जाने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि कुछ हथियारबंद लोगों ने 3 बजे सुबह लतीफ पर हमला किया। ये हमला उनके परिवार के सामने हुआ। बलूच पत्रकार लतीफ बलोचिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन और सैन्य अभियानों पर बेखौफ होकर रिपोर्टिंग करते थे। इसलिए लोग उनका सम्मान करते थे। वे जबरन गायब किए जाने, गैरकानूनी हत्याओं और आम बलोच नागरिकों के संघर्षों के बारे में लिखते थे। उनकी मौत दिखाती है कि पाकिस्तान में पत्रकारों को कितना खतरा है।
अब्दुल लतीफ बलोच की हत्या उस वक्त हुई, जब कुछ महीने पहले उनके बेटे सैफ बलोच और परिवार के सात अन्य सदस्यों को सुरक्षा बलों ने अगवा कर लिया था। बाद में वे सब मृत पाए गए थे। कार्यकर्ताओं का कहना है कि पाकिस्तान की ‘किल एंड डंप’ पालिसी के तहत ऐसा किया जा रहा है। इसका मतलब है, विरोध करने वालों को मार डालना और चुप करा देना। ऐसा बलोच पहचान को दबाने के लिए किया जा रहा है।
पाकिस्तान में बलूच पत्रकार की बेरहमी से हत्या
बलोच वीमेन फोरम की शाले बलोच ने इस हत्या को बलोच लोगों के खिलाफ ‘सिस्टमैटिक वायलेंस’ का हिस्सा बताया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संगठनों और मीडिया से हस्तक्षेप करने की अपील की है। उनका कहना है कि अगर दुनिया चुप रहेगी, तो और खून खराबा होगा। मानवाधिकार समूहों और प्रेस की स्वतंत्रता के लिए काम करने वाले संगठनों ने इस हत्या की निंदा की है। वे पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि बलोचिस्तान में लगातार मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। लोगों को जबरन गायब किया जा रहा है, गैरकानूनी तरीके से मारा जा रहा है और विरोध करने वालों की आवाज दबाई जा रही है। “सिस्टमैटिक वायलेंस” का मतलब है, एक योजना के तहत हिंसा करना।. ये हिंसा किसी खास समूह या समुदाय को निशाना बनाकर की जाती है।
“किल एंड डंप” पालिसी का मतलब है, लोगों को मारकर कहीं फेंक देना। ऐसा अक्सर सरकार या सुरक्षा बल करते हैं, ताकि किसी को पता न चले कि उन्होंने क्या किया है। आपको बता दें कि BYC एक मानवाधिकार समूह है। ये लोगों के अधिकारों के लिए काम करता है। ये बलोचिस्तान में हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघनों के बारे में जानकारी इकट्ठा करता है और उसे दुनिया तक पहुंचाता है।